Uttarakhand Power Review: उत्तराखंड में ऊर्जा क्षेत्र की व्यापक समीक्षा, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने दिए कई अहम निर्देश

Uttarakhand Power Review: उत्तराखंड में ऊर्जा क्षेत्र की व्यापक समीक्षा, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने दिए कई अहम निर्देश
देहरादून में जीएमएस रोड स्थित उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम के सभागार में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में ऊर्जा विभाग की एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उत्तराखंड जल विद्युत निगम (UJVNL), पिटकुल (PTCUL) और उत्तराखण्ड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) – तीनों प्रमुख ऊर्जा कॉरपोरेशनों के चल रहे कार्यों, प्रगति, भविष्य की योजनाओं और लोगों को स्वच्छ, सुलभ और भरोसेमंद ऊर्जा उपलब्ध कराने के प्रयासों पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि किसी भी परियोजना को आरंभ करने से पहले उसके तकनीकी, वित्तीय और व्यावसायिक पक्षों का पूरी तरह से आकलन किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रशासनिक, पर्यावरणीय, तकनीकी और वित्तीय सभी आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त करने के बाद ही निविदा प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए ताकि परियोजनाओं में बाधाओं से बचा जा सके।
उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि किसी भी परियोजना को निर्धारित समयसीमा में पूरा किया जाना चाहिए। यदि केंद्र या राज्य सरकार के किसी विभाग, एजेंसी या मंत्रालय से संबंधित अड़चनें आती हैं, तो उन पक्षों से प्रभावी समन्वय बनाकर समाधान खोजा जाए ताकि परियोजनाओं में कोई अनावश्यक देरी न हो।
मुख्य सचिव ने तीनों कॉरपोरेशनों को अपने-अपने प्रोजेक्ट्स की प्रारंभिक और अंतिम लागत की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि यह विश्लेषण करें कि देरी की वजह से लागत में कितनी वृद्धि हुई और उसके पीछे क्या कारण रहे। ऊर्जा दक्षता में होने वाले नुकसान का भी आकलन कर उसके निवारण के उपाय सुझाने के निर्देश दिए गए।
बैठक में यह भी तय हुआ कि तीनों कॉरपोरेशन भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अगले 5, 10, 15 और 25–30 वर्षों का विस्तृत एजेंडा तैयार करेंगे, जिसमें यह बताया जाएगा कि आने वाले समय में ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए उनके पास क्या योजनाएं हैं, उनके लक्ष्य क्या होंगे और उन्हें कैसे हासिल किया जाएगा।
मुख्य सचिव ने विद्युत हानि (पॉवर लॉस) को लेकर चिंता जताई और विशेष रूप से तराई क्षेत्र में खंडवार विद्युत हानि की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने स्मार्ट मीटरिंग परियोजनाओं में तेजी लाने पर भी बल दिया और कहा कि पहले उद्योगों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में मीटर बदले जाएं। भूमिगत विद्युत लाइनों की परियोजनाओं को भी नियमित समन्वय के जरिए तेजी से आगे बढ़ाया जाए।
पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) को निर्देश दिए गए कि राज्य के ट्रांसमिशन नेटवर्क का विस्तृत अध्ययन भारत सरकार के केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) से कराया जाए। हाई टेंशन लाइनों की नियमित निगरानी करने और नई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। ट्रांसमिशन नेटवर्क के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण मुआवजे में वृद्धि के विकल्प पर भी विचार करने को कहा गया।
उत्तराखण्ड जल विद्युत निगम को निर्देश दिए गए कि राज्य में न्यूक्लियर पावर प्लांट की संभावना का अध्ययन करें। निर्माणाधीन लखवाड़ बहुउद्देश्यीय परियोजना के कार्यों को तेज करने और विकासशील परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति तथा पूर्णता की संभावित तिथि की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने के लिए भी कहा गया।
मुख्य सचिव ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि उत्तराखंड जल विद्युत निगम और पावर कॉरपोरेशन सरकार को भुगतान करने के मामलों में आपसी समन्वय से कार्य करें। इसके अलावा एशियन डेवलपमेंट बैंक द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं, राज्य सहायता प्राप्त विशेष अनुदान योजनाओं और मुख्यमंत्री घोषणाओं से संबंधित परियोजनाओं की नियमित मॉनिटरिंग अनिवार्य बताई गई। सभी परियोजनाओं में बोर्ड की सिफारिशें अनिवार्य रूप से प्राप्त की जाएं।
इस अहम बैठक में प्रमुख सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर सचिव ऊर्जा रंजना राजगुरु, यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल, यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार और पिटकुल के एमडी पीसी ध्यानी समेत विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक ने स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड सरकार राज्य की ऊर्जा संरचना को मजबूती देने और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए दीर्घकालिक योजनाएं तैयार कर रही है।