Haridwar: हरिद्वार श्रीमद्भागवत कथा को वर्चुअली संबोधित कर बोले मुख्यमंत्री धामी – सनातन संस्कृति की चेतना को विश्व में पुनर्जीवित कर रहा भारत

Haridwar: हरिद्वार श्रीमद्भागवत कथा को वर्चुअली संबोधित कर बोले मुख्यमंत्री धामी – सनातन संस्कृति की चेतना को विश्व में पुनर्जीवित कर रहा भारत
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार के भीमगोड़ा क्षेत्र में जगदीश स्वरूप विद्यानंद आश्रम ट्रस्ट द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ – श्रीमद्भागवत कथा को मुख्यमंत्री आवास से वर्चुअली संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने सनातन परंपरा, अध्यात्म, सांस्कृतिक विरासत, और धर्मांतरण विरोधी नीतियों पर गहन विचार प्रस्तुत किए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों का संग और हरिकथा – दोनों दुर्लभ हैं और सौभाग्य से प्राप्त होते हैं। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि यह स्वयं श्रीकृष्ण की दिव्य वाणी का साक्षात रूप है, जिसमें भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और धर्म – चारों पुरुषार्थों का उत्कृष्ट समन्वय मिलता है। वर्तमान युग में जब मनुष्य भौतिकता की अंधी दौड़ में आत्मिक शांति से दूर होता जा रहा है, तब श्रीमद्भागवत कथा उसे भीतर की शांति, समाधान और आत्म-साक्षात्कार का रास्ता दिखाती है।
उन्होंने श्रद्धालुओं और उपस्थित संतजनों का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह आयोजन एक आध्यात्मिक पर्व है जो समाज को दिशा देता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सनातन संस्कृति का गौरव विश्वभर में पुनर्स्थापित हो रहा है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण, केदारनाथ-बद्रीनाथ धामों का पुनर्निर्माण, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और महाकाल लोक जैसे प्रकल्प इसके जीवंत उदाहरण हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी सरकार देवभूमि उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान और जनसांख्यिकी (डेमोग्राफी) को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य में केदारखंड और मानसखंड मंदिर सर्किटों का सौंदर्यीकरण, हरिपुर कालसी में यमुना तीर्थ स्थल का पुनरुद्धार, हरिद्वार-ऋषिकेश और शारदा कॉरिडोर के निर्माण जैसे कार्यों पर तीव्र गति से काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भारतीय संस्कृति, दर्शन और इतिहास के गहन अध्ययन के लिए दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिन्दू स्टडीज की स्थापना की गई है। यह केंद्र उत्तराखंड ही नहीं, अपितु समूचे भारत के लिए शोध और ज्ञान का प्रकाशस्तंभ बनेगा।
राज्य में लव जिहाद, लैंड जिहाद और थूक जिहाद जैसी घृणित मानसिकताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने धर्मांतरण विरोधी कानून को कठोर रूप से लागू कर दिया है। साथ ही, प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य बना, जिसने समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू कर ऐतिहासिक और साहसिक कदम उठाया।
हरिद्वार में आयोजित इस आध्यात्मिक आयोजन में पूज्य जगद्गुरु आचार्य गरीबदास जी महाराज, श्री ब्रह्मसागर जी महाराज भूरी वाले, स्वामी अमृतानंद जी महाराज, स्वामी राम जी महाराज, कथा व्यास इन्द्रेश उपाध्याय जी, स्वामी भूपेंद्र गिरी जी महाराज, स्वामी सतदेव जी महाराज, महामंडलेश्वर निर्मला बा जी (गुजरात), स्वामी ऋषेश्वरानंद जी, स्वामी हीरा योगी जी, आचार्य विशोकानंद जी, आचार्य रामचंद्र दास जी, योगी आशुतोष जी और सुप्रसिद्ध गायक बी. प्राक जैसे अनेक संत और प्रसिद्ध व्यक्तित्व उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने अंत में कहा कि हमारी संस्कृति हमारी आत्मा है और इसका संरक्षण केवल सरकार का नहीं, हर नागरिक का दायित्व है। श्रीमद्भागवत जैसे आयोजनों से देश की आत्मा को मजबूती मिलती है और सनातन संस्कृति का विश्वव्यापी पुनर्जागरण होता है।