• June 20, 2025

Dehradun: देहरादून में ‘Monsoon-2025: Preparedness’ कार्यशाला में बोले सीएम धामी – “आपदा को रोक नहीं सकते, लेकिन असर कम कर सकते हैं”

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Dehradun: देहरादून में ‘Monsoon-2025: Preparedness’ कार्यशाला में बोले सीएम धामी – “आपदा को रोक नहीं सकते, लेकिन असर कम कर सकते हैं”

देहरादून में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (USDMA) द्वारा ‘Monsoon-2025: Preparedness’ विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों, आपदा प्रबंधन टीमों और संबंधित विभागों को मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम आपदाओं को रोक तो नहीं सकते, लेकिन उनकी तीव्रता और प्रभाव को कम जरूर कर सकते हैं। इसी सोच के तहत यह कार्यशाला आयोजित की गई है, जिसमें सभी संबंधित विभागों की जिम्मेदारियों और तैयारियों की गहन समीक्षा की जा रही है।”

कार्यशाला का उद्देश्य आगामी मानसून सीजन में राज्य को आपदा के खतरों से निपटने के लिए बेहतर रणनीति, संसाधन प्रबंधन और समन्वय स्थापित करना है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में मानसून के दौरान भूस्खलन, बादल फटना, बाढ़ और सड़कों के टूटने जैसी घटनाएं आम हैं, लेकिन समय रहते की गई तैयारी इन संकटों के प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकती है।

सीएम ने आगे कहा, “प्रशासन के सभी लोग मानसून से पहले की तैयारियों को अंतिम रूप दे रहे हैं। सभी जिलों में आपदा प्रबंधन की टीमें तैनात की जा रही हैं। संवेदनशील इलाकों की पहचान कर ली गई है और वहां अतिरिक्त निगरानी रखी जा रही है। कार्यशाला में दिन भर आपदा से निपटने की रणनीतियों, तकनीकी संसाधनों, चेतावनी तंत्र और राहत कार्यों की प्रभावशीलता को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इस कार्यशाला के निष्कर्षों पर गंभीरता से कार्य किया जाए ताकि आने वाले समय में राज्य आपदाओं से कम प्रभावित हो और जनहानि या वित्तीय नुकसान को रोका जा सके। उन्होंने आमजन को भी आपदा के समय सतर्क रहने, प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने और सामुदायिक सहभागिता से जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया।

कार्यशाला में राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, मौसम विज्ञान विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), सेना और अन्य विभागों के विशेषज्ञों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किए।

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