Haridwar: ग्रामीण उद्यमों को मिलेगा नया बल: कुकीज़ निर्माण और वेस्ट फ्लावर प्रबंधन पर सीडीओ आकांक्षा कोण्डे का विशेष फोकस

Haridwar: ग्रामीण उद्यमों को मिलेगा नया बल: कुकीज़ निर्माण और वेस्ट फ्लावर प्रबंधन पर सीडीओ आकांक्षा कोण्डे का विशेष फोकस
हरिद्वार जिले में ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आज विकास भवन रोशनाबाद में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्रीमती आकांक्षा कोण्डे की अध्यक्षता में एक अहम समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न चल रही योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना और आगामी कार्यों के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी करना था, ताकि ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खोले जा सकें और स्वरोजगार को प्रभावी ढंग से सशक्त किया जा सके।
बैठक में जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय सक्सेना (ग्रामोत्थान-रीप परियोजना), सहायक प्रबंधक, रुड़की विकासखंड की आस्था सीएलएफ की बीओडी सदस्य, एनआरएलएम एवं ग्रामोत्थान परियोजना की ब्लॉक स्तरीय टीमें शामिल रहीं। सीडीओ महोदया ने सभी टीमों से समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य निष्पादन पर जोर दिया।
बैठक में निर्देश दिए गए कि 7 जून 2025 तक सभी लाभार्थियों के लिए बैंक ऋण स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी कर ली जाए, ताकि लाभार्थी समय पर अपनी उद्यम गतिविधियों को शुरू कर सकें। साथ ही 1 से 3 जून 2025 के बीच कुकीज़ निर्माण पर विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने के आदेश दिए गए, जिससे महिलाओं को इस नए उद्यम के लिए कौशल प्राप्त हो और वे आत्मनिर्भर बन सकें।
सीडीओ महोदया ने रुड़की ब्लॉक के सहायक खंड विकास अधिकारी एवं विकासखंड टीम को 30 मई 2025 तक प्रशिक्षण हेतु आवश्यक भूमि की पहचान एवं आवंटन की प्रक्रिया पूरी करने के सख्त निर्देश दिए। यह भूमि कुकीज़ निर्माण इकाई की स्थापना के लिए प्रयोग में लाई जाएगी।
बैठक में खानपुर क्षेत्र की उजाला सीएलएफ द्वारा स्थापित सिंघाड़ा प्रोसेसिंग यूनिट का भी उल्लेख किया गया। निर्देशित किया गया कि आस्था सीएलएफ इस यूनिट से सिंघाड़े के आटे की खरीद कर कुकीज़ निर्माण की प्रक्रिया को शीघ्र प्रारंभ करे। इस प्रक्रिया में शेयर धन का अधिकतम 40 प्रतिशत ही प्रयोग करने की अनुमति दी गई है, ताकि निधियों का संतुलित और न्यायसंगत उपयोग हो सके।
इसी बैठक में बहादराबाद विकासखंड के स्वागत एवं अभिनंदन सीएलएफ के बीओडी सदस्यों तथा संबंधित ब्लॉक टीमों के साथ वेस्ट फ्लावर प्रबंधन परियोजना पर विस्तृत चर्चा हुई। इस अभिनव परियोजना के तहत मंदिरों और धार्मिक आयोजनों से एकत्रित अपशिष्ट फूलों का संग्रहण कर उनसे अगरबत्ती, धूपबत्ती तथा सजावटी वस्तुएं तैयार की जाएंगी। यह पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी बल्कि महिला सशक्तिकरण और स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराएगी।
फूल संग्रहण में आ रही व्यवहारिक समस्याओं पर चर्चा करते हुए सीडीओ महोदया ने अधिकारियों को त्वरित समाधान के लिए ठोस कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए। परियोजना की लागत, क्रियान्वयन समयसीमा, जिम्मेदारियां और मापदंडों को भी स्पष्ट रूप से बैठक में रेखांकित किया गया।
सभी प्रतिभागियों से फीडबैक और सुझाव आमंत्रित किए गए ताकि योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके और ग्रामीण विकास की दिशा में सशक्त कदम बढ़ाए जा सकें।
यह बैठक इस बात का संकेत है कि हरिद्वार जनपद प्रशासन महिलाओं के आर्थिक और सामाजिक विकास के प्रति न केवल सजग है, बल्कि जमीनी स्तर पर व्यावहारिक प्रयासों के माध्यम से परिवर्तन की मजबूत नींव रख रहा है।