Rural Development: बैंक सखी सुलेखा दीदी: बिहार की ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की प्रेरणादायक कहानी

Rural Development: बैंक सखी सुलेखा दीदी: बिहार की ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की प्रेरणादायक कहानी
बिहार के सारण जिले की अकिलपुर पंचायत की सुलेखा कुमारी, जिन्हें आज सभी ‘बैंक सखी’ के नाम से जानते हैं, ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की एक प्रेरणादायक मिसाल बन चुकी हैं। कबीर स्वयं सहायता समूह की सदस्य और संस्कार CLF से जुड़ी सुलेखा, प्रतिमाह ₹20 लाख से अधिक के बैंकिंग लेन-देन को संभाल रही हैं और सरकारी योजनाओं जैसे मनरेगा, वृद्धावस्था पेंशन और विधवा पेंशन का पैसा ग्रामीणों तक पहुँचा रही हैं।
सुलेखा दीदी की पहल से ग्रामीणों में वित्तीय साक्षरता बढ़ी है और उन्हें स्वरोजगार के लिए आसानी से ऋण भी मिल पा रहा है। अब गाँव की महिलाएं आत्मविश्वास के साथ मोबाइल बैंकिंग और डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल कर रही हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन रही हैं। उनके प्रयासों से ग्रामीण महिलाएं बैंकिंग सुविधाओं तक पहुँच बना रही हैं और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा मिल रहा है।
सुलेखा कुमारी की यह यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत विकास की कहानी है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे एक महिला की पहल पूरे समुदाय को सशक्त बना सकती है। उनकी सफलता से प्रेरित होकर अन्य महिलाएं भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की लहर दौड़ रही है।