Uttarakhand: भारतीय सेना करेगी उत्तराखंड के पशुपालकों से पोल्ट्री उत्पादों की खरीद, चमोली से पहली खेप रवाना

Uttarakhand: भारतीय सेना करेगी उत्तराखंड के पशुपालकों से पोल्ट्री उत्पादों की खरीद, चमोली से पहली खेप रवाना
उत्तराखंड सरकार द्वारा किसानों और पशुपालकों की आजीविका सुदृढ़ करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज की गई है। अब भारतीय सेना प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के स्थानीय पशुपालकों से सीधे पोल्ट्री एवं पशुपालन उत्पाद खरीदेगी। इस ऐतिहासिक पहल की पहली खेप सोमवार को चमोली जनपद के जोशीमठ से रवाना की गई, जिसे मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने झंडी दिखाकर रवाना किया।
पशुपालन विभाग की इस योजना के तहत माणा और मलारी जैसी अग्रिम चौकियों पर अब स्थानीय स्तर पर उत्पादित पोल्ट्री, भेड़ और बकरी जैसे पशु उत्पादों की आपूर्ति की जाएगी। पहले चरण में पोल्ट्री उत्पाद भेजे गए हैं, जो स्थानीय पशुपालक गुलशन सिंह राणा और सौरभ नेगी द्वारा उपलब्ध कराए गए।
इस पहल का उद्देश्य न केवल स्थानीय उत्पादकों को बाजार उपलब्ध कराना है, बल्कि उन्हें उचित मूल्य और नियमित भुगतान की सुविधा भी सुनिश्चित करना है। इससे वाइब्रेंट गांवों के पशुपालकों को स्थानीय स्तर पर ही आजीविका का सशक्त साधन मिलेगा और पलायन की समस्या को रोकने में भी मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी पशुपालन विभाग द्वारा आईटीबीपी के साथ एक एमओयू साइन किया गया था, जिससे स्थानीय पशुपालकों को उनके उत्पादों के लिए स्थायी बाजार उपलब्ध हो सका था। अब भारतीय सेना के साथ यह नया कदम ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशीम देब, उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी और परियोजना समन्वयक डॉ. पुनीत भट्ट सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।