Uttarakhand: पंडित दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास योजना बनी पहाड़ों में स्वरोजगार और पर्यटन की नई राह

Uttarakhand: पंडित दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास योजना बनी पहाड़ों में स्वरोजगार और पर्यटन की नई राह
उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई पंडित दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास योजना राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने और पर्यटन की संभावनाओं को मजबूत करने की एक दूरदर्शी पहल है। इस योजना के माध्यम से सरकार ग्रामीण जनता को उनके स्वयं के घरों को होम स्टे में परिवर्तित कर स्थायी आय के स्रोत से जोड़ने का अवसर प्रदान कर रही है। इससे न केवल स्थानीय लोगों को आर्थिक स्वावलंबन मिल रहा है, बल्कि राज्य के पर्यटन क्षेत्र को भी नई ऊर्जा मिल रही है।
इस योजना का मूल उद्देश्य यह है कि पहाड़ी क्षेत्रों में बसे परिवार अपने घरों के एक हिस्से को पर्यटकों के ठहरने हेतु तैयार करें। इससे जहां पर्यटकों को स्थानीय रहन-सहन, भोजन, रीति-रिवाजों और संस्कृति का सजीव अनुभव होता है, वहीं होम स्टे मालिकों को नियमित आय का माध्यम मिलता है। यह पहल पर्वतीय ग्रामीणों के लिए आजीविका का स्थायी विकल्प बनती जा रही है, जो लंबे समय से रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे थे।
राज्य सरकार इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है ताकि वे अपने घरों को होम स्टे के मानकों के अनुसार तैयार कर सकें। इसमें शामिल हैं:
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33% की पूंजी सब्सिडी या अधिकतम 10 लाख (जो भी कम हो), जिससे निर्माण लागत का बोझ काफी हद तक कम हो जाता है।
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ब्याज पर सब्सिडी, जिसके अंतर्गत ऋण चुकाने के पहले पांच वर्षों तक ₹1.5 लाख प्रतिवर्ष या कुल ब्याज का 50% तक सरकार वहन करती है।
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साथ ही, पहले तीन वर्षों तक SGST की पूर्ण भरपाई राज्य सरकार द्वारा की जाएगी, जिससे व्यवसायिक कर का दबाव कम होता है।
इस योजना के लिए आवेदन करना भी सरल और पारदर्शी है। इच्छुक लाभार्थी आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। उसके बाद आवेदन की जांच, पात्रता का मूल्यांकन और आवश्यक निरीक्षण कर योजना की स्वीकृति प्रदान की जाती है। योजना की प्रक्रिया में पारदर्शिता, समयबद्धता और प्रशासनिक सहयोग सुनिश्चित किया गया है।
यह योजना न केवल एक आर्थिक प्रयास है, बल्कि एक सांस्कृतिक और सामाजिक अभियान भी है, जो राज्य के प्राकृतिक संसाधनों, पारंपरिक जीवनशैली और ग्रामीण आतिथ्य को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करता है। राज्य के दूरदराज़ के गांव, जहां पहले पर्यटक कम ही जाते थे, अब इन होम स्टे के माध्यम से उनकी प्राथमिक पसंद बनते जा रहे हैं।
पंडित दीन दयाल उपाध्याय गृह आवास योजना उत्तराखंड के लिए एक नई उम्मीद बनकर सामने आई है। यह पहल न सिर्फ पहाड़ों में रोज़गार के नए द्वार खोल रही है, बल्कि राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का एक सशक्त माध्यम भी बन रही है। पहाड़ों में रहने वालों के लिए यह आत्मनिर्भरता की ओर एक मजबूत कदम है, जो पर्यटन के माध्यम से पूरे राज्य की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है।