• July 16, 2025

Kanwar Yatra 2025: कांवड़ यात्रा में आपदा प्रबंधन की बड़ी तैयारी, हरिद्वार में नभ नेत्र ड्रोन से होगी निगरानी

 Kanwar Yatra 2025: कांवड़ यात्रा में आपदा प्रबंधन की बड़ी तैयारी, हरिद्वार में नभ नेत्र ड्रोन से होगी निगरानी
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Kanwar Yatra 2025: कांवड़ यात्रा में आपदा प्रबंधन की बड़ी तैयारी, हरिद्वार में नभ नेत्र ड्रोन से होगी निगरानी

उत्तराखंड में इस वर्ष की कांवड़ यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) ने व्यापक इंतजाम किए हैं। इस बार हरिद्वार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और संवेदनशील स्थलों की निगरानी के लिए अत्याधुनिक नभ नेत्र ड्रोन तैनात किया जाएगा। यह ड्रोन घाटों, पुलों, सड़कों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों पर नजर बनाए रखेगा, जिसकी लाइव मॉनिटरिंग राज्य और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी और डीईओसी) से की जाएगी।

यूएसडीएमए कंट्रोल रूम में आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक के दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) श्री आनंद स्वरूप ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कांवड़ यात्रा के दौरान आपदा प्रबंधन के दृष्टिकोण से पूरी योजना एकीकृत राहत प्रणाली (आईआरएस) के तहत तैयार की जाए। उन्होंने बताया कि आईआरएस की अधिसूचना जारी की जा चुकी है और यह प्रणाली किसी भी आपदा या आकस्मिक स्थिति में तेज़ी से कार्रवाई सुनिश्चित करने में उपयोगी होगी।

श्री स्वरूप ने संबंधित जनपदों के अधिकारियों से कहा कि यात्रा के संचालन के दौरान सभी विभागों के बीच प्रभावी समन्वय होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने हर विभाग से एक “सिंगल प्वाइंट ऑफ कॉन्टैक्ट” अधिकारी नामित करने के निर्देश दिए और उसकी सूची राज्य और जिला आपातकालीन केंद्रों के साथ साझा करने को कहा।

बैठक में यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) एवं डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने बताया कि मानसून के दौरान कांवड़ यात्रियों को मौसम की जानकारी और अलर्ट भेजने के लिए “सचेत” मोबाइल एप उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने यात्रा के प्रवेश स्थलों पर “सचेत” एप डाउनलोड करने के लिए होर्डिंग और बारकोड लगाने के निर्देश दिए, ताकि कांवड़ यात्री इस एप को आसानी से इंस्टॉल कर सकें और मौसम की सटीक जानकारी प्राप्त कर सकें।

उन्होंने यह भी बताया कि टोल फ्री नंबर 112, 1070 और 1077 को यात्रियों में प्रचारित किया जाएगा, जिससे आपात स्थिति में वे मदद के लिए सीधे संपर्क कर सकें।

बैठक में सुरक्षा बलों ने बताया कि एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जल पुलिस के अलावा 60 आपदा मित्रों को गंगा घाटों पर तैनात किया जाएगा। कांगड़ा घाट को विशेष रूप से संवेदनशील मानते हुए वहां अतिरिक्त सुरक्षा इंतजाम किए जाएंगे। इसके अलावा एनडीआरएफ की एक टीम हरिद्वार में स्थायी रूप से तैनात रहेगी और आवश्यकता पड़ने पर देहरादून से अतिरिक्त टीमें रवाना की जाएंगी।

इस महत्वपूर्ण बैठक में डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त सचिव श्री विक्रम सिंह राणा, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मौ० ओबैदुल्लाह अंसारी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

 

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