Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का योग दिवस संदेश: “योग हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ और प्राचीन विरासत का अमूल्य उपहार”

देहरादून, 21 जून 2025
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए योग के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने योग को भारत की प्राचीनतम परंपरा का गौरव, मानवता को ऋषि-मुनियों की अनुपम देन और भारतीय जीवनशैली का अभिन्न अंग बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य का मार्ग है, बल्कि यह मानसिक संतुलन, आत्मिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत भी है। नियमित योग अभ्यास तनाव को कम करता है, जीवन को संतुलित बनाता है और कठिन से कठिन लक्ष्य को प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि योग मन, शरीर और श्वास को जोड़ने की एक वैज्ञानिक प्रक्रिया है, जिससे जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संदेश में कहा, “योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि आंतरिक शांति और आत्मबोध की एक यात्रा है। यह हमारे चित्त को स्थिर करता है और चेतना को गहराई से जाग्रत करता है। हमारी सनातन संस्कृति का मूल स्तंभ योग है, और यही कारण है कि आज यह भारत की सॉफ्ट पावर बनकर दुनिया भर के करोड़ों लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है।”
उन्होंने कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में रखे गए प्रस्ताव के बाद, 177 देशों ने इसका समर्थन किया और तब से हर वर्ष 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि योग ने न केवल भारत की वैश्विक पहचान को सशक्त किया है, बल्कि भारत के सनातन विचार “वसुधैव कुटुंबकम्” की भावना को भी विस्तार दिया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी बनाने के उद्देश्य से सरकार ने हाल ही में ‘योग नीति 2025’ लागू की है। यह नीति न केवल योग शिक्षण, अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा देगी, बल्कि राज्य की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को भी समसामयिक वैश्विक मंचों से जोड़ेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “भारत ने कठिन वैश्विक परिस्थितियों और षड्यंत्रों के बीच भी कभी मानवीय मूल्यों का त्याग नहीं किया, और इसका कारण हमारी संस्कृति है, जिसमें योग जैसे तत्व गहराई से रचे-बसे हैं। योग हमारे सामाजिक जीवन और लोक कल्याणकारी दृष्टिकोण का आधार है।”
उन्होंने यह भी बताया कि इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर राज्य स्तरीय मुख्य कार्यक्रम ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में आयोजित किया जाएगा, जिसमें वे स्वयं मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। साथ ही, यह प्रदेश के लिए गर्व की बात है कि राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु देहरादून के पुलिस लाइन में आयोजित योग महोत्सव में उपस्थित रहेंगी, जो उत्तराखंड की योग परंपरा को नई ऊंचाई प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने अंत में सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और इसे अपने जीवन का स्थायी हिस्सा बनाएं। उन्होंने कहा कि स्वस्थ भारत, सशक्त भारत के निर्माण में योग की भूमिका निर्णायक है और उत्तराखंड इस दिशा में अग्रणी बनकर उभरेगा।