Uttarakhand: राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में तय मानकों के अनुरूप फैकल्टी की तैनाती और बुनियादी ढांचे का होगा सुदृढ़ीकरण: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी
देहरादून: उत्तराखंड के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर का उत्कृष्ट शैक्षणिक केंद्र बनाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राज्य के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में तय मानकों के अनुसार योग्य फैकल्टी की तैनाती की जाए, आधुनिक प्रयोगशालाएं स्थापित हों और विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना समय की आवश्यकता है। इसके लिए कॉलेज परिसरों में मूलभूत ढांचागत सुविधाएं जैसे हॉस्टल, बाउंड्री वॉल और बेहतर सड़क संपर्क को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, कॉलेजों में तय मापदंडों के अनुरूप फैकल्टी की तत्काल नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि इंजीनियरिंग कॉलेजों में भर्ती प्रक्रिया निर्धारित व्यवस्था के अनुसार नहीं की गई है, तो यह गंभीर चिंता का विषय है। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जवाबदेह ठहराया।
बैठक में मुख्यमंत्री ने छात्र पंजीकरण की कम संख्या पर चिंता व्यक्त की और कहा कि युवाओं को विभिन्न तकनीकी ट्रेडों में दक्ष बनाया जाए जिससे उन्हें उद्योग जगत की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में पाठ्यक्रमों को नवीनतम तकनीकों के साथ समायोजित किया जाए, ताकि छात्रों को उद्योग जगत की आवश्यकताओं के अनुसार तैयार किया जा सके। इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि छात्रों को प्लेसमेंट की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं और कैंपस से ही रोजगार के अवसर सुनिश्चित किए जाएं।
सीएम धामी ने पिथौरागढ़ के मड़धूरा में नन्ही परी सीमांत इंजीनियरिंग संस्थान के संचालन को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि लगभग 15 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित भवन में अब तक कक्षाएं क्यों शुरू नहीं हो पाई हैं, इसकी जांच कराई जाए। साथ ही यह भी पता लगाया जाए कि संस्थान के लिए यह स्थान किसने चुना और क्या यह स्थान उपयुक्त था या नहीं। उन्होंने निर्देश दिए कि इस मामले में यदि कोई लापरवाही या योजना में दोष पाया जाता है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री ने घुड़दौड़ी स्थित जी.बी. पंत इंजीनियरिंग कॉलेज में नियुक्तियों, पदोन्नति और अन्य प्रशासनिक मामलों में कथित अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए एक नई एसआईटी गठित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस विशेष जांच दल द्वारा समग्रता में जांच कर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
बैठक में तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल, अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर, मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव डॉ. रंजीत सिन्हा, तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह, अपर सचिव स्वाति भदौरिया और राज्य के इंजीनियरिंग संस्थानों के निदेशक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री की यह पहल राज्य में तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, युवाओं को रोजगार से जोड़ने और उत्तराखंड को शैक्षणिक क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।