Deepa Gramotthan Story: ग्रामोत्थान परियोजना से मिली दीपा को नई पहचान, प्रोविजन स्टोर से बदली किस्मत
मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती आकांक्षा कोण्डे के निर्देश पर जनपद हरिद्वार के सभी विकासखंडों में अल्ट्रा पूअर सपोर्ट, फार्म व नॉन-फार्म एंटरप्राइजेज तथा सीबीओ स्तर के उद्यमों की स्थापना की जा रही है। इसी क्रम में, उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास समिति (UGVS) द्वारा IFAD के सहयोग से संचालित “ग्रामोत्थान (रीप)” परियोजना ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा रही है।
बहादराबाद विकासखंड के अतमलपुर बौंगला गांव की दीपा इसी योजना की सफलता की मिसाल हैं। पहले वे एक छोटे स्तर पर प्रोविजन स्टोर चलाती थीं, जो उनके परिवार की आय का एकमात्र साधन था। ग्रामोत्थान परियोजना की टीम द्वारा की गई पहचान के बाद, दीपा को ‘अल्ट्रा पूअर सपोर्ट’ श्रेणी में शामिल कर 35,000 रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया। दीपा ने स्वयं के 7,000 रुपये जोड़कर अपने स्टोर को बड़े स्तर पर विस्तार दिया।
यह सहयोग दीपा के लिए परिवर्तनकारी साबित हुआ। अब वे हर माह 8,000 से 10,000 रुपये तक की आय अर्जित कर रही हैं और अपने परिवार को एक बेहतर जीवन देने में सक्षम हैं। दीपा “बाला जी एसएचजी” की सदस्य हैं, जिसकी स्थापना 5 जुलाई 2022 को हुई थी। यह समूह “आस्था” ग्राम संगठन का हिस्सा है, जो श्रद्धा सीएलएफ के अंतर्गत कार्य करता है।
दीपा की यह यात्रा ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना और हरिद्वार जिला प्रशासन के प्रभावी क्रियान्वयन का प्रमाण है। इस तरह की सफलता न सिर्फ दीपा के लिए प्रेरणा है, बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है। यह परियोजना ग्रामीण आजीविका को सशक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रही है।