• June 5, 2025

Gramotthan Project: कॉस्मेटिक दुकान से बदली किस्मत: दिव्यांग पूजा देवी ने रीप परियोजना से पाई आत्मनिर्भरता की नई उड़ान

 Gramotthan Project: कॉस्मेटिक दुकान से बदली किस्मत: दिव्यांग पूजा देवी ने रीप परियोजना से पाई आत्मनिर्भरता की नई उड़ान
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Gramotthan Project: कॉस्मेटिक दुकान से बदली किस्मत: दिव्यांग पूजा देवी ने रीप परियोजना से पाई आत्मनिर्भरता की नई उड़ान

हरिद्वार, 27 मई 2025 –
हरिद्वार जिले के बहादराबाद विकासखंड के अतमलपुर बौंगला गांव की दिव्यांग महिला पूजा देवी आज हजारों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं। कभी एक छोटी सी कॉस्मेटिक दुकान से अपनी आजीविका चलाने वाली पूजा देवी की मेहनत और हौसले को जब “ग्रामोत्थान (रीप)” परियोजना का सहयोग मिला, तो उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ ले लिया।

जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में हरिद्वार जनपद में ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जा रहे हैं। इस परियोजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को स्वरोजगार के अवसर देकर आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। इसी दिशा में एक सशक्त उदाहरण बनी हैं पूजा देवी, जिन्होंने शारीरिक सीमाओं के बावजूद हार नहीं मानी।

दिव्यांगता के बावजूद पूजा देवी ने अपने घर के पास एक छोटी सी कॉस्मेटिक दुकान शुरू की थी, जो उनके परिवार की आजीविका का एकमात्र साधन थी। सीमित संसाधनों के साथ दुकान चलाना उनके लिए कठिन था, लेकिन मार्च 2024 में जब ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की टीम गांव पहुंची, तो उनकी स्थिति का आकलन किया गया। टीम ने महसूस किया कि पूजा में आत्मनिर्भर बनने की प्रबल इच्छा है और उन्हें यदि उचित सहयोग मिले, तो वे आर्थिक रूप से सशक्त हो सकती हैं।

पूजा देवी वर्ष 2021 से “मीरा स्वयं सहायता समूह” की सक्रिय सदस्य हैं। इसके साथ ही वह “अस्था ग्राम संगठन” और “श्रद्धा सीएलएफ” से भी जुड़ी हुई हैं। उनकी लगन और मेहनत को देखते हुए रीप परियोजना के अंतर्गत उन्हें ‘अल्ट्रा पुअर गतिविधि’ योजना के तहत 35,000 रूपये का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया गया। पूजा ने इसमें अपनी 15,000 रूपये की निजी बचत जोड़कर कुल 50,000 रूपये का निवेश कर अपनी कॉस्मेटिक दुकान का विस्तार किया।

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अब यह दुकान महज एक छोटा स्टॉल नहीं बल्कि एक व्यवस्थित और भव्य दुकान बन चुकी है, जहां विभिन्न प्रकार की सौंदर्य प्रसाधन सामग्री उपलब्ध है। इस विस्तार का नतीजा यह हुआ कि पूजा देवी की मासिक आय 10,000 से 12,000 रूपये तक पहुंच गई है, जो पहले बेहद कम हुआ करती थी। अब वे न केवल अपने परिवार का बेहतर तरीके से भरण-पोषण कर पा रही हैं, बल्कि समाज में आत्मविश्वास से भी भर चुकी हैं।

पूजा कहती हैं, “ग्रामोत्थान (रीप) ने मुझे न केवल आर्थिक मदद दी, बल्कि मेरा आत्मबल भी बढ़ाया। आज मैं गर्व से कह सकती हूं कि मैं आत्मनिर्भर हूं।”

पूजा की सफलता की कहानी इस बात की गवाही है कि यदि किसी को सही समय पर सही दिशा और समर्थन मिल जाए, तो वह किसी भी कठिनाई को पार कर सकता है। यह कहानी यह भी साबित करती है कि सरकारी योजनाएं यदि जमीनी स्तर पर सही तरीके से लागू की जाएं, तो वे जीवन बदल सकती हैं।

ग्रामोत्थान (रीप) जैसी योजनाएं न केवल स्वरोजगार को बढ़ावा दे रही हैं, बल्कि ग्रामीण समाज में महिलाओं को एक नई पहचान और सम्मान भी दिला रही हैं। पूजा देवी का उदाहरण यह दर्शाता है कि किस तरह एक सशक्त महिला अपने आत्मबल से समाज को दिशा दे सकती है।

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