• June 20, 2025

PM Awas Yojana: छत्तीसगढ़ में आत्मसमर्पित नक्सलियों को मिला नया जीवन, पीएम आवास योजना के तहत मिल रहे स्थायी घर

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छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गीदम विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत झोड़ियाबाड़म में एक विशेष आयोजन में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत 38 आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों को स्थायी आवास देने की पहल शुरू की गई। इस अवसर पर आयोजित भूमिपूजन समारोह में प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और लाभार्थियों की मौजूदगी में योजना की शुरुआत हुई। यह पहल नक्सलवाद से प्रभावित इलाकों में पुनर्वास और मुख्यधारा में लाने के प्रयासों की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है।

सरकार की इस योजना के तहत जिन लोगों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज में लौटने का निर्णय लिया है, उन्हें स्थायी छत उपलब्ध कराई जा रही है। इससे न केवल उन्हें सुरक्षा का भाव मिल रहा है, बल्कि उनके जीवन में स्थिरता और सम्मान भी लौट रहा है। कार्यक्रम के दौरान लाभार्थियों की आंखों में नई उम्मीदें साफ झलक रही थीं।

आत्मसमर्पित नक्सली मानु मांडवी ने बताया, “मैं पहले नक्सलियों को सामान पहुंचाने का काम करता था। 2020 में आत्मसमर्पण किया। उसके बाद से अब तक किराए के मकान में रह रहा था। लेकिन अब सरकार द्वारा पक्के मकान की सौगात मिल रही है। बहुत खुश हूं कि अब अपने बच्चों के साथ स्थायी घर में रहूंगा।”

वहीं *आत्मसमर्पित नक्सली छोटू मांडवी ने कहा, “मैं 2015 में नक्सली गतिविधियों में शामिल हुआ था, लेकिन 2020 में आत्मसमर्पण कर दिया। अब सरकार न केवल आवास दे रही है, बल्कि पानी, बिजली और अन्य जरूरी सुविधाओं की भी व्यवस्था कर रही है। हम इसके लिए सरकार के आभारी हैं।”*

इस योजना के अंतर्गत बनाए जा रहे मकान केवल संरचनात्मक सुविधा नहीं, बल्कि सामाजिक पुनर्वास का प्रतीक हैं। प्रशासन का कहना है कि यह पहल नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास और शांति की बहाली का आधार बनेगी। मकानों के साथ-साथ सरकार द्वारा इन परिवारों को आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य मूलभूत सुविधाओं से भी जोड़ा जा रहा है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और समाज की मुख्यधारा में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।

सरकारी अधिकारी भी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि यह योजना न केवल आत्मसमर्पण करने वाले लोगों के लिए, बल्कि अन्य नक्सलियों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगी कि अगर वे हिंसा छोड़ते हैं, तो सरकार उन्हें न केवल माफ कर सकती है, बल्कि एक नया जीवन भी दे सकती है। छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार की इस समन्वित पहल से स्पष्ट होता है कि अब विकास और पुनर्वास को हथियार बनाकर नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।

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