Haridwar: हरिद्वार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया वात्सल्य गंगा आश्रय का लोकार्पण, श्रीकृष्ण कथा में हुए शामिल

Haridwar: हरिद्वार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया वात्सल्य गंगा आश्रय का लोकार्पण, श्रीकृष्ण कथा में हुए शामिल
रविवार को हरिद्वार की पावन धरती पर एक विशेष आध्यात्मिक और सामाजिक आयोजन देखने को मिला, जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ‘वात्सल्य गंगा आश्रय’ के लोकार्पण समारोह और श्रीकृष्ण कथा में सम्मिलित हुए। इस समारोह में देशभर से कई आध्यात्मिक और राजनीतिक हस्तियां शामिल हुईं, जिनमें साध्वी ऋतंभरा, स्वामी परमानंद महाराज, आचार्य बालकृष्ण और दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता प्रमुख थीं। आयोजन का उद्देश्य आध्यात्मिक जागरूकता और सामाजिक चेतना को बढ़ावा देना था।
कार्यक्रम के दौरान साध्वी ऋतंभरा ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की कार्यशैली की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि “धामी भारत के पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने उन लोगों पर सख्ती दिखाई जो देश के खिलाफ काम करते हैं, विदेशी एजेंडे चलाते हैं और भारतीय संस्कृति व व्यवस्था को कमजोर करने का प्रयास करते हैं।” साध्वी ने उन्हें एक साहसी, राष्ट्रनिष्ठ और धर्मपरायण नेता करार देते हुए आभार व्यक्त किया कि आज के समय में भारत को ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है।
इस आयोजन की विशेष बात यह भी रही कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अपने पूरे परिवार के साथ हरिद्वार प्रवास पर थीं। उन्होंने गंगा नदी में डुबकी लगाई और विधिवत पूजा-अर्चना की। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यह यात्रा उनके लिए आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है और दिल्ली सरकार के 100 दिनों के कार्यकाल की पूर्णता के उपलक्ष्य में वे देवभूमि में आशीर्वाद लेने आई हैं।
रेखा गुप्ता ने गंगा में स्नान के पश्चात कहा कि “हमारा प्रयास है कि दिल्ली में बहने वाली यमुना नदी को भी मां गंगा की तरह स्वच्छ, निर्मल और पूज्य बनाया जाए। 100 दिनों का यह कार्यकाल दिल्लीवासियों के अधिकार, गरिमा और समर्पण का परिचायक है। हमने यह दिखाने का प्रयास किया है कि राजधानी में किस प्रकार नीति, नीयत और निष्पक्षता के साथ विकास संभव है।” रेखा गुप्ता ने अपने संदेश में यह भी जोड़ा कि उनकी सरकार का लक्ष्य न केवल विकास बल्कि आध्यात्मिक मूल्यों को संरक्षित करना भी है। दिल्ली में यमुना को साफ करने की योजना को एक अभियान के तौर पर लिया जाएगा और इसके लिए वैज्ञानिक तथा धार्मिक दोनों दृष्टिकोणों से कार्य किया जाएगा।
पूरे आयोजन में भक्ति, सेवा और राष्ट्रनिष्ठा की भावना स्पष्ट रूप से दिखाई दी। ‘वात्सल्य गंगा आश्रय’ के लोकार्पण के माध्यम से न केवल एक नई सामाजिक पहल की शुरुआत हुई, बल्कि यह संदेश भी गया कि आध्यात्मिक आधार पर समाज की सेवा आज के समय में कितना प्रासंगिक और आवश्यक है। इस भव्य अवसर पर जुटी भीड़, श्रद्धा से ओतप्रोत माहौल और आध्यात्मिक उर्जा ने हरिद्वार को एक बार फिर धर्म और राष्ट्रसेवा के केंद्र के रूप में स्थापित कर दिया।