• June 20, 2025

Uttarakhand: उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की मिसाल: मिस्सरपुर की दीपा ने सिलाई उद्यम से रचा आत्मनिर्भरता का नया अध्याय

 Uttarakhand: उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की मिसाल: मिस्सरपुर की दीपा ने सिलाई उद्यम से रचा आत्मनिर्भरता का नया अध्याय
Sharing Is Caring:

Uttarakhand: उत्तराखंड में महिला सशक्तिकरण की मिसाल: मिस्सरपुर की दीपा ने सिलाई उद्यम से रचा आत्मनिर्भरता का नया अध्याय

हरिद्वार जनपद के मिस्सरपुर गांव की रहने वाली दीपा देवी आज नारी सशक्तिकरण और ग्रामीण उद्यमिता की एक जीवंत मिसाल बन चुकी हैं। एक समय था जब दीपा अपने छोटे से सिलाई के काम से मुश्किल से घर चला पाती थीं, लेकिन आज वह न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन गई हैं। यह परिवर्तन संभव हो सका है उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास समिति (UGVS) के अंतर्गत चल रही ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की बदौलत, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उनके छोटे-छोटे उद्यमों को प्रोत्साहित करना है।

दीपा देवी ‘भागीरथी स्वयं सहायता समूह’ (SHG) की सक्रिय सदस्य हैं, जिसका गठन 5 जुलाई 2022 को हुआ था। इसके अलावा वह ‘रिद्धि-सिद्धि ग्राम संगठन’ और ‘स्वागत CLF’ से भी जुड़ी हुई हैं। शुरुआत में दीपा घर पर ही सीमित साधनों से सिलाई करती थीं। उनकी आय बहुत सीमित थी और उन्हें अपने पति, बच्चों और पूरे परिवार की ज़रूरतें पूरी करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। आर्थिक तंगी के बीच दीपा ने कभी हार नहीं मानी और लगातार मेहनत करती रहीं।

WhatsApp Image 2025 06 02 at 2.27.39 PM 1

ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना की टीम ने जब बहादराबाद विकासखंड के अंतर्गत दीपा के घर का दौरा किया, तो उन्होंने दीपा की कठिन परिस्थितियों को समझा और उनकी उद्यम को बढ़ाने की इच्छा को पहचाना। इसके बाद परियोजना के तहत दीपा को कुल 57,000 रूपये की गतिविधि लागत में से 35,000 रूपये का ब्याज मुक्त ऋण दो वर्षों के लिए उपलब्ध कराया गया। दीपा ने स्वयं के बचत से 7,000 रूपये का अंशदान किया और शेष 15,000 रूपये की सहायता समूह और ग्राम संगठन से प्राप्त हुई।

इस वित्तीय सहयोग से दीपा ने अपने सिलाई के काम को विस्तारित किया। उन्होंने नए उपकरण खरीदे, कार्यस्थल को व्यवस्थित किया और अपने कौशल को बढ़ाया। परिणामस्वरूप आज दीपा बड़े स्तर पर सिलाई का कार्य कर रही हैं और प्रतिमाह लगभग 15,000 रूपये की आय अर्जित कर रही हैं। अब वह न केवल अपने परिवार की जरूरतें बेहतर ढंग से पूरी कर पा रही हैं, बल्कि उन्होंने अपने आत्मविश्वास में भी भारी वृद्धि महसूस की है।

दीपा की यह सफलता केवल एक महिला की कहानी नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत में महिलाओं के उत्थान और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त कदम है। ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना केवल आर्थिक सहायता नहीं देती, बल्कि यह महिलाओं को नई पहचान देने, उनके भीतर आत्मविश्वास जगाने और उन्हें समाज में सशक्त भूमिका निभाने के लिए प्रेरित करती है। इस परियोजना के माध्यम से उत्तराखंड के अनेक गांवों में महिलाएं छोटे-छोटे उद्यमों की स्थापना कर रही हैं और अपने परिवार तथा समुदाय को आर्थिक रूप से मजबूत बना रही हैं।

दीपा जैसी महिलाओं की कहानियां बताती हैं कि अगर सही समय पर सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले तो कोई भी महिला अपनी किस्मत बदल सकती है। यह परियोजना सरकार की ओर से ग्रामीण विकास के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देती है बल्कि सामाजिक परिवर्तन की नींव भी रखती है।

Sharing Is Caring:

Admin

https://nirmanshalatimes.com/

A short bio about the author can be here....

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *