• June 20, 2025

Roorkee: रुड़की में ग्रामीण महिलाओं के लिए बेकरी यूनिट की पहल, सिंघाड़ा आटे से बनेगी कुकीज और ब्रेड

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Roorkee: रुड़की में ग्रामीण महिलाओं के लिए बेकरी यूनिट की पहल, सिंघाड़ा आटे से बनेगी कुकीज और ब्रेड

हरिद्वार जिले के रुड़की विकासखंड में ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक नई और अनोखी पहल की जा रही है। आस्था क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) के अंतर्गत सिंघाड़ा आटे से तैयार की जाने वाली कुकीज, ब्रेड और बिस्कुट के उत्पादन हेतु एक बेकरी यूनिट की स्थापना की जा रही है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल महिलाओं को स्वरोजगार देना है, बल्कि पारंपरिक खाद्य उत्पादों को भी व्यावसायिक स्वरूप देना है।

09 जून 2025 को हरिद्वार की मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) श्रीमती आकांक्षा कोंडे ने इस बेकरी यूनिट का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने यूनिट की निर्माण प्रगति, बिजली और पानी जैसी आधारभूत आवश्यकताओं की व्यवस्था तथा उत्पादन शुरू करने की तैयारियों का गहनता से अवलोकन किया। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए कि सभी कार्य निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण हों, ताकि समय पर उत्पादन शुरू किया जा सके।

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इस बेकरी यूनिट को सुचारु रूप से चलाने के लिए आस्था सीएलएफ से जुड़ी महिलाओं को इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम), देहरादून के विशेषज्ञों द्वारा विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम की प्रगति की भी सीडीओ महोदया ने समीक्षा की और महिलाओं के कौशल विकास को लेकर संतोष व्यक्त किया।

ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना के जिला परियोजना प्रबंधक श्री संजय सक्सेना ने महोदया को यूनिट स्थापना और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की अद्यतन जानकारी प्रदान की। सीडीओ महोदया ने सहायक खंड विकास अधिकारी श्री कमलेश कांडपाल को सख्त निर्देश दिए कि 12 जून 2025 तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जाएं, ताकि कुकीज और ब्रेड का उत्पादन तत्काल प्रारंभ हो सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस परियोजना में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान जिला और विकासखंड स्तर के सभी संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। यह बेकरी यूनिट न केवल स्थानीय महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि पोषक तत्वों से भरपूर सिंघाड़ा आटे जैसे पारंपरिक खाद्य सामग्री को बाज़ार में नई पहचान दिलाएगी। यह पहल ग्रामीण उद्यमिता को नई दिशा देने वाला एक अनुकरणीय प्रयास माना जा रहा है।

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