• May 17, 2025

Yoga Day: हरिद्वार में योग दिवस बना एकता का उत्सव, विभिन्न समुदायों ने बढ़-चढ़कर की भागीदारी

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर हरिद्वार में आयोजित विभिन्न योग शिविरों और कार्यक्रमों में समाज के हर वर्ग की उल्लेखनीय भागीदारी ने इस दिन को स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक सौहार्द और भाईचारे का प्रतीक बना दिया है। खासतौर पर मुस्लिम समाज के प्रतिभागियों की सक्रिय उपस्थिति ने यह संदेश दिया कि योग अब धर्म और समुदाय की सीमाओं से ऊपर उठकर स्वास्थ्य, शांति और एकता का माध्यम बन चुका है। राष्ट्रीय आयुष मिशन, हरिद्वार के नोडल अधिकारी डॉ. अवनीश उपाध्याय ने बताया कि बीते वर्षों में आयुर्वेद और योग के प्रति आमजन का रुझान तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार के आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सालयों पर जनता का विश्वास गहराया है। उनके अनुसार योग केवल शारीरिक तंदुरुस्ती नहीं, बल्कि समाज में भाईचारे और समरसता का संदेश भी देता है। इसी कड़ी में राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय सालियर के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नवीन दास ने जानकारी दी कि सालियर में प्रतिदिन चल रहे योग शिविरों में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग हिस्सा ले रहे हैं, जिनमें महिलाओं की भागीदारी भी सराहनीय है।

योग शिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों ने भी अपने अनुभव साझा किए। अकरम ने बताया कि पहले वे तनाव, थकान और नींद की समस्या से परेशान रहते थे, लेकिन योग के अभ्यास ने उनके शरीर और मन दोनों को संतुलित किया है। उन्होंने कहा कि अब वे खुद को शांत, ऊर्जावान और मानसिक रूप से मजबूत महसूस करते हैं। कयूम ने कहा कि योग ने उन्हें आत्मनियंत्रण और अनुशासन सिखाया है। पहले वे छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़े हो जाते थे, लेकिन अब मानसिक स्पष्टता और संयम आ गया है। सफीना ने हंसते हुए कहा कि योग ने उनके शरीर को स्वस्थ करने के साथ-साथ मन को भी शांत किया है। अब झुंझलाहट की जगह सब्र और संतुलन आ गया है, जिससे परिवार की जिम्मेदारियां निभाना भी आसान हो गया है। प्रतिभागियों के अनुभव इस बात की पुष्टि करते हैं कि योग केवल शारीरिक कसरत नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य का भी आधार है।

जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश ने कहा कि योग किसी धर्म या वर्ग से बंधा नहीं है, बल्कि यह भारत की साझा सांस्कृतिक विरासत है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार में आयुष विभाग की पहल से सभी समुदायों को जोड़ने में सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं और यह अभियान सामाजिक सौहार्द को नई दिशा दे रहा है। हरिद्वार में इस बार योग दिवस केवल स्वस्थ शरीर का उत्सव नहीं रहा, बल्कि यह भाईचारे और सामाजिक एकता का उत्सव बनकर उभरा है, जिसमें हर वर्ग ने अपनी भागीदारी से इसे एक साझा पर्व का रूप दे दिया।

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