Uttarakhand: हल्द्वानी में निकली ‘तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा’, CM पुष्कर सिंह धामी ने सशस्त्र बलों के साहस को किया नमन

Uttarakhand: हल्द्वानी में निकली ‘तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा’, CM पुष्कर सिंह धामी ने सशस्त्र बलों के साहस को किया नमन
हल्द्वानी, नैनीताल: उत्तराखंड में देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत ऐतिहासिक दृश्य उस समय देखने को मिला जब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में ‘तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा’ का आयोजन किया गया। इस यात्रा का उद्देश्य था भारतीय सशस्त्र सेनाओं के अद्वितीय पराक्रम और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करना। यह यात्रा हल्द्वानी के मिनी स्टेडियम से शुरू होकर शहीद पार्क तक निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, पूर्व सैनिक, युवाओं के समूह और आम नागरिक शामिल हुए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर कहा, “मैं भारत के उन वीर सपूतों का हृदय से अभिनंदन करता हूं जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। चाहे वह कारगिल हो या पुलवामा, चाहे सर्जिकल स्ट्राइक हो या बालाकोट एयरस्ट्राइक – हमारे सशस्त्र बलों ने हर बार अपने पराक्रम से पूरी दुनिया को भारत की सैन्य शक्ति का एहसास कराया है।” उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी आभार जताते हुए कहा कि “मोदी जी की स्पष्ट नीति और दृढ़ संकल्प के चलते ही आज भारत आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक प्रहार करने में सक्षम हुआ है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘तिरंगा शौर्य सम्मान यात्रा’ केवल एक मार्च नहीं, बल्कि यह देश की सैन्य परंपरा, गौरव, शौर्य और बलिदान की जीवंत अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा युवाओं को प्रेरित करने का माध्यम बनेगी, ताकि वे राष्ट्र सेवा को सर्वोच्च कर्तव्य समझें। उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड देवभूमि ही नहीं, वीरभूमि भी है, जहां हर गांव से एक सैनिक देश की सेवा कर रहा है।
इस यात्रा के दौरान देशभक्ति के नारों से आसमान गूंज उठा। भारत माता की जय, वंदे मातरम् और जय हिंद के स्वर पूरे रास्ते गूंजते रहे। स्कूली बच्चों, युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने तिरंगे के साथ इस सम्मान यात्रा में हिस्सा लिया, जिससे यह आयोजन जन-आंदोलन का रूप लेता दिखा। कई जगहों पर पुष्प वर्षा कर लोगों ने यात्रा का स्वागत किया और जवानों के सम्मान में दीप जलाए।
हल्द्वानी की सड़कों पर यह दृश्य केवल एक राजनीतिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह जनता के मन में सशस्त्र बलों के प्रति सम्मान और गर्व की भावना का प्रतीक बन गया। यह यात्रा न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी याद दिलाती है कि हमारा तिरंगा उन्हीं वीरों के बलिदान की नींव पर लहराता है।