Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ, किसानों के लिए बदलेगा भविष्य का परिदृश्य

Uttarakhand: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ का शुभारंभ, किसानों के लिए बदलेगा भविष्य का परिदृश्य
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में “विकसित कृषि संकल्प अभियान” की शुरुआत करते हुए प्रदेश के किसानों के लिए एक नई उम्मीद की किरण जगाई है। यह अभियान न केवल खेती-किसानी की परंपरागत पद्धतियों को वैज्ञानिक आधार देगा, बल्कि किसानों को समृद्ध और सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम भी साबित होगा। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को देहरादून के गुनियाल गांव से इस महत्वाकांक्षी अभियान का शुभारंभ किया।
इस अभियान के अंतर्गत राज्य के 95 विकासखंडों, 670 न्याय पंचायतों और 11,440 गांवों में कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों की टीमें जाकर किसानों से सीधे संवाद करेंगी। ये संवाद 29 मई से 12 जून तक चलेंगे। इस दौरान किसानों को उनकी भूमि, जलवायु, मिट्टी और आवश्यकता के अनुसार आधुनिक एवं लाभदायक कृषि तकनीकों के बारे में जानकारी दी जाएगी। यही नहीं, उन्हें मृदा परीक्षण, लाभकारी फसलों का चयन, पशुपालन, बागवानी, सिंचाई और कृषि यंत्रों के उपयोग जैसे विषयों पर भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस अभियान में देशभर के 700 से अधिक जिलों में 2,000 से अधिक वैज्ञानिक दल भाग लेंगे, जो कुल मिलाकर लगभग डेढ़ करोड़ किसानों से संपर्क कर संवाद स्थापित करेंगे। उत्तराखंड के प्रत्येक जिले में तीन-तीन टीमें बनाई गई हैं, जो प्रतिदिन तीन स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित करेंगी। प्रत्येक कार्यक्रम में 600 से अधिक किसानों से सीधा संवाद किया जाएगा। यह अभियान किसानों के पारंपरिक ज्ञान, अनुभव और नवाचारों को भी एकत्र करेगा, ताकि भावी वैज्ञानिक शोध अधिक व्यावहारिक और स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप बन सकें।
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। देश के 11 करोड़ से अधिक किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के माध्यम से सीधी आर्थिक सहायता दी जा रही है। इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी, फसल बीमा योजना, किसान मानधन योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड, डिजिटल कृषि मिशन और बागवानी विकास मिशन जैसी योजनाओं से किसानों को लगातार सहायता मिल रही है।
राज्य स्तर पर भी किसानों के हित में कई कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा किसानों को तीन लाख रुपए तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जा रहा है। “फार्म मशीनरी बैंक” योजना के तहत कृषि उपकरणों की खरीद पर 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है। गेहूं की खरीद पर प्रति क्विंटल 20 रुपये का बोनस दिया जा रहा है, और गन्ने की कीमत में 20 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। नहर से सिंचाई पूरी तरह से निःशुल्क कर दी गई है।
मुख्यमंत्री ने यह भी जानकारी दी कि राज्य सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए धौलादेवी, मुन्स्यारी और बेतालघाट के चाय बागानों को जैविक चाय बागानों में तब्दील करने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके साथ ही राज्य में छह एरोमा वैली का विकास किया जा रहा है। वर्षा आधारित खेती को बढ़ावा देने के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये की लागत से “उत्तराखंड क्लाइमेट रिस्पॉन्सिव रेन-फेड फार्मिंग प्रोजेक्ट” भी स्वीकृत किया गया है। बजट में पॉलीहाउस निर्माण के लिए विशेष रूप से 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
राज्य सरकार ने हाल ही में नई सेब नीति, कीवी नीति, ‘स्टेट मिलेट मिशन’ और ‘ड्रैगन फ्रूट नीति’ जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं भी लागू की हैं, जिन पर कुल 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। ये सभी योजनाएं किसानों की आय बढ़ाने, उत्पादन बढ़ाने और कृषि को जलवायु-संवेदनशील एवं बाजारोन्मुख बनाने की दिशा में काम करेंगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गुनियाल गांव में सामुदायिक भवन के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण की भी घोषणा की। साथ ही सौंग नदी के जल स्तर को बनाए रखने के लिए निचले क्षेत्र में दो स्थानों पर आरसीसी दीवार, चेक डैम और कट-ऑफ वॉल निर्माण की घोषणा भी की गई। उन्होंने मौके पर आयोजित स्टॉलों का निरीक्षण किया और किसानों से बातचीत भी की।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प को दोहराया और कहा कि “विकसित कृषि संकल्प अभियान” इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025-26 के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 50% से 60% तक वृद्धि की है, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।
कार्यक्रम में भाजपा के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल, कृषि विभाग के सचिव एस.एन. पाण्डेय, महानिदेशक कृषि रणवीर सिंह चौहान, पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान और भरसार विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. प्रमेन्द्र कौशल भी उपस्थित थे।