Chardham Yatra 2025: चारधाम यात्रा में इस बार तीर्थयात्रियों को मिलेगा शुद्ध भोजन और हरित वातावरण का अनुभव

Chardham Yatra 2025: चारधाम यात्रा में इस बार तीर्थयात्रियों को मिलेगा शुद्ध भोजन और हरित वातावरण का अनुभव
चारधाम यात्रा इस वर्ष न सिर्फ श्रद्धा और आस्था की यात्रा होगी, बल्कि यह स्वास्थ्य, पर्यावरण और स्वच्छता के प्रतीकों के साथ भी एक नई दिशा में आगे बढ़ेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुरूप, यात्रा मार्ग के होटल और ढाबों में तीर्थयात्रियों को इस बार शुद्ध, स्वच्छ और संतुलित भोजन उपलब्ध कराने की तैयारियां जोरों पर हैं। खास बात यह है कि होटल और खाद्य कारोबारी अब भोजन में तेल, नमक और चीनी का सीमित उपयोग करने का प्रयास करेंगे ताकि यात्रियों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहे और विशेष रूप से मधुमेह व उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों को परेशानी न हो।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने इस दिशा में एक व्यापक अभियान शुरू किया है। यात्रा आरंभ होने से पहले ही विभाग द्वारा यात्रा मार्ग के प्रमुख नगरों और स्थानों जैसे ऋषिकेश, श्रीनगर और रुद्रप्रयाग में होटल मालिकों और खाद्य कारोबारियों के साथ संवाद और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। अब उत्तरकाशी, चंबा और हरिद्वार जैसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों पर भी यह प्रशिक्षण जल्द संपन्न किया जाएगा।
आयुक्त खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार के अनुसार, इन कार्यशालाओं के माध्यम से होटल मालिकों को समझाया जा रहा है कि वे भोजन में तेल, नमक और चीनी का सीमित उपयोग करें, ताकि तीर्थयात्री संतुलित आहार ले सकें। इसके अतिरिक्त, “ईट राइट” अभियान के तहत होटलों को निर्देशित किया गया है कि वे एक ही खाद्य तेल का तीन बार से अधिक उपयोग न करें। इस्तेमालशुदा तेल को बायोफ्यूल बनाने के लिए उपलब्ध कराने का सुझाव भी दिया गया है, जिससे न केवल स्वास्थ्य की रक्षा होगी, बल्कि पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा।
यात्रा के दौरान प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को भी पूरी तरह से हतोत्साहित किया जा रहा है। होटल कारोबारियों को प्लास्टिक की पानी की बोतलों, रैपर आदि के बजाय पर्यावरण मित्र विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इस उद्देश्य को साकार करने के लिए विभाग ‘रिड्यूस, रीयूज और रिसाइकिल’ के सिद्धांत पर काम कर रहा है, जिसमें तीर्थ यात्रियों, होटल व्यवसायियों और स्थानीय नागरिकों का सहयोग आवश्यक बताया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस वर्ष चारधाम यात्रा को “हरित चारधाम यात्रा” की थीम पर संचालित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालु न केवल अध्यात्मिक अनुभव प्राप्त करें, बल्कि उन्हें एक साफ-सुथरा, प्रदूषण रहित और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण भी मिले। इसी को ध्यान में रखते हुए स्थानीय उत्पादों और मोटे अनाज (मिलेट्स) को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि पर्यावरण के साथ-साथ क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिले।
उपायुक्त मुख्यालय गणेश कंडवाल ने बताया कि इस अभियान के तहत संबंधित विभागों के अधिकारियों को भी प्रशिक्षण देकर यात्रा संचालन की समन्वित रणनीति बनाई जा रही है। विभाग का उद्देश्य है कि जब तीर्थयात्री चारधाम की ओर प्रस्थान करें, तो उन्हें हर पड़ाव पर एक समान गुणवत्ता, स्वच्छता और स्वास्थ्य का अनुभव मिले।
हरित चारधाम यात्रा की इस संकल्पना के पीछे एक व्यापक सोच है – पर्यावरण की रक्षा, श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य और आध्यात्मिक यात्रा का शुद्धतम अनुभव। यह पहल केवल सरकार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी बनती है। अगर सभी तीर्थ यात्री, होटल संचालक और स्थानीय लोग मिलकर इस संकल्प को आगे बढ़ाएं, तो न केवल हमारी चारधाम यात्रा अधिक पवित्र होगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी एक स्वच्छ, हरित और दिव्य धरोहर प्राप्त होगी।