SHe-Box: उत्तर प्रदेश में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम, ‘SHe-Box’ पोर्टल लागू

SHe-Box: उत्तर प्रदेश में कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम, ‘SHe-Box’ पोर्टल लागू
उत्तर प्रदेश में महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर किसी भी तरह के यौन उत्पीड़न को रोकने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है। केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई ‘SHe-Box’ (Sexual Harassment Electronic Box) पोर्टल व्यवस्था को अब राज्य में पूरी तरह लागू कर दिया गया है। इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अब कोई भी महिला कार्यस्थल पर अन्याय और उत्पीड़न का शिकार न हो, और यदि हो भी तो उसे त्वरित और प्रभावी न्याय मिल सके।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश के सभी सरकारी और निजी संस्थानों को यह अनिवार्य कर दिया गया है कि वे अपने यहां “आंतरिक समिति” का गठन करें। यह समिति उन सभी संस्थानों में आवश्यक होगी जहां 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं। समिति की संरचना इस प्रकार होगी कि उसमें अधिकांश सदस्य महिलाएं होंगी और अध्यक्ष भी अनिवार्य रूप से महिला होंगी। अब तक 84 विभागों ने आंतरिक समिति का गठन करते हुए ‘SHe-Box’ पोर्टल पर अपना पंजीकरण भी पूरा कर लिया है, जिससे यह साफ है कि सरकार इस दिशा में कितनी गंभीरता से कार्य कर रही है।
छोटे शहरों और गांवों की महिलाओं के लिए वरदान साबित होगा पोर्टल
‘SHe-Box’ पोर्टल की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह उन महिलाओं को भी आवाज देगा जो छोटे शहरों, कस्बों या दूरदराज के गांवों में रहती हैं और अपने कार्यस्थल पर होने वाले शोषण के विरुद्ध बोलने से डरती हैं। अब उन्हें कहीं शिकायत दर्ज कराने कार्यालय नहीं जाना होगा, बल्कि वे सीधे पोर्टल पर जाकर अपनी बात दर्ज करा सकती हैं। चाहे वह गलत तरीके से छूने का मामला हो, अश्लील इशारे या टिप्पणी हो, या काम के बदले अनुचित मांग—सभी तरह की शिकायतें इस पोर्टल पर दर्ज की जा सकती हैं।
महिलाओं की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा गया है। शिकायतकर्ता को एक ट्रैकिंग नंबर प्रदान किया जाएगा, जिससे वह यह जान सकेगी कि उसकी शिकायत पर क्या कार्रवाई की जा रही है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हर शिकायत का निपटारा अधिकतम 90 दिनों के भीतर करना अनिवार्य किया गया है, जिससे पीड़ित महिलाओं को लंबे समय तक मानसिक उत्पीड़न से गुजरना न पड़े।
जिला स्तर पर निगरानी और सख्त कार्यवाही की तैयारी
प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला प्रोबेशन अधिकारियों को इस अभियान की निगरानी का जिम्मा सौंपा गया है। इसके साथ ही, जिन संस्थानों ने अब तक आंतरिक समिति का गठन नहीं किया है, उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। महिला कल्याण विभाग ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि प्रत्येक संस्था को यह सुनिश्चित करना होगा कि वहां कार्यरत सभी महिलाओं को SHe-Box पोर्टल और समिति के कार्यविधि के बारे में पूरी जानकारी हो।
महिला गरिमा और आत्मविश्वास को मिलेगा नया आयाम
इस योजना की नोडल अधिकारी और महिला एवं बाल विकास विभाग की डिप्टी डायरेक्टर अनु सिंह ने कहा कि यह पहल विशेष रूप से उन महिलाओं के लिए लाभदायक सिद्ध होगी जो अब तक अपने अनुभवों को व्यक्त करने से डरती थीं। उन्होंने बताया, “अब महिलाएं बिना किसी डर के सीधे ऑनलाइन शिकायत कर सकती हैं। इससे उन्हें मानसिक बल मिलेगा और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा।”
यह योजना न केवल एक तकनीकी व्यवस्था है, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव की दिशा में मजबूत प्रयास है। इससे कार्यस्थल पर महिलाओं की गरिमा, सुरक्षा और आत्मसम्मान को एक नई पहचान मिलेगी। योगी सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश को महिला-सशक्तिकरण की दिशा में आगे ले जाने वाला साबित हो सकता है।