उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के चंबा गांव, थान बिडोन की माताएं और बहनें आज एक ऐसी मिसाल कायम कर रही हैं, जो स्वरोजगार, स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता की सच्ची प्रेरणा बन गई है। इन महिलाओं ने अपने हाथों से, प्रकृति की देन शुद्ध फलों और सब्जियों का उपयोग कर स्वादिष्ट और पौष्टिक देसी अचार तैयार करना शुरू किया है। बिना किसी बाहरी सहारे के, केवल अपनी मेहनत, हुनर और पहाड़ की मिट्टी से जुड़ाव के दम पर इन्होंने अपने लिए रोजगार के नए द्वार खोले हैं।
यह तस्वीर उन लोगों के लिए करारा उत्तर है, जो चंद पैसों की लालच में हमारी सांस्कृतिक गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। आज जब सोशल मीडिया पर अश्लीलता और नग्नता का बोलबाला है, तब चंबा की ये महिलाएं अपने कर्मों से दिखा रही हैं कि असली सम्मान और सच्ची पहचान मेहनत, स्वाभिमान और सादगी में है, न कि क्षणिक दिखावे में। इन माताओं और बहनों ने यह प्रमाणित कर दिया है कि सफलता की राह अपने भीतर की शक्ति और दृढ़ संकल्प से ही बनती है।
आप सभी पर पूरा उत्तराखंड गर्व महसूस कर रहा है। आपने न केवल अपने परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया है, बल्कि हजारों अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। आपकी यह पहल आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ते उत्तराखंड का प्रतीक है। यह कार्य यह भी दर्शाता है कि जब नारीशक्ति ठान ले, तो पहाड़ जैसी मुश्किलें भी राह नहीं रोक सकतीं।
देवभूमि की असली पहचान कर्मठता, स्वाभिमान और प्रकृति के प्रति गहरे प्रेम में है, जिसे आपने अपने प्रयासों से सजीव कर दिखाया है। चंबा गांव की यह कहानी युगों-युगों तक लोगों को न केवल प्रेरणा देगी, बल्कि यह भी सिखाएगी कि असली शक्ति हमेशा कर्म और धैर्य से उपजती है।
आपका साहस, परिश्रम और स्वाभिमान पूरे पहाड़ की शान है। देवभूमि को आप जैसी नारीशक्ति पर गर्व है