Uttarakhand: सारी गांव बना ग्रामीण पर्यटन की मिसाल, 50 से अधिक होमस्टे से ग्रामीणों को मिला रोजगार

Uttarakhand: सारी गांव बना ग्रामीण पर्यटन की मिसाल, 50 से अधिक होमस्टे से ग्रामीणों को मिला रोजगार
रुद्रप्रयाग, 23 मई — उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित सारी गांव आज ग्रामीण पर्यटन का एक प्रेरणास्पद मॉडल बन चुका है। तुंगनाथ और चोपता ट्रैक पर बसे इस पहाड़ी गांव में इस समय 50 से अधिक होम स्टे संचालित हो रहे हैं, जिससे 250 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से स्वरोजगार मिल रहा है।
गांव में होम स्टे की नींव 1999 में माउंटेन गाइड मुरली सिंह नेगी ने रखी थी, जब उन्होंने अपने पुराने घर को ट्रैकिंग पर्यटकों के लिए रहने और खाने की व्यवस्था के रूप में तैयार किया। धीरे-धीरे गांव के अन्य लोगों ने भी अपने परंपरागत घरों के दरवाजे पर्यटकों के लिए खोल दिए। आज गांव में 41 होमस्टे पर्यटन विभाग में पंजीकृत हैं।
सरकार की दीन दयाल उपाध्याय पर्यटन होम स्टे योजना और ट्रैकिंग ट्रैक्शन सेंटर योजना के तहत भी ग्रामीणों को अनुदान मिल रहा है।
स्थानीय निवासी जीएस भट्ट ने बताया कि पिछले वर्ष करीब 7,000 पर्यटक गांव में ठहरे। इससे गांव में पलायन न के बराबर है और सारी आज भी पूरी तरह जीवंत गांव बना हुआ है।
मुख्यमंत्री ने किया रात्रि विश्राम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिसंबर माह में रुद्रप्रयाग दौरे के दौरान सारी गांव में होम स्टे में रात्रि विश्राम किया और ग्रामवासियों के साथ भोजन भी किया। उन्होंने गांव को पर्यटन और स्वरोजगार का आदर्श मॉडल बताया और कहा कि इससे अन्य लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी।
प्रमुख ट्रैकिंग रूट
-
तुंगनाथ ट्रैक: सारी से 30 किमी, शिव मंदिर तक पहुंचता है
-
चोपता ट्रैक: सारी से 25 किमी, घाटी में बुरांश के फूलों से ढका है
-
देवरिया ताल ट्रैक: सिर्फ 3 किमी की दूरी, शानदार झील और पहाड़ी नजारे
गांव के आंकड़े:
-
191 परिवार गांव में निवासरत
-
1200 जनसंख्या
-
50+ होम स्टे
-
250 से अधिक लोगों को रोजगार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “सरकार होम स्टे को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही है। ग्रामीण पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था और गांवों की समृद्धि का बड़ा जरिया बन रहा है।”