Haridwar: हरिद्वार में ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक संपन्न, CDO आकांक्षा कोण्डे ने दिए स्पष्ट निर्देश
हरिद्वार, 11 जून 2025 — हरिद्वार जनपद में ग्रामीण विकास को गति देने के उद्देश्य से विकास भवन, रोशनाबाद स्थित जिला मुख्यालय में एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्य विकास अधिकारी (CDO) श्रीमती आकांक्षा कोण्डे ने की। इस समीक्षा बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं की वर्तमान प्रगति, चुनौतियाँ और समाधान की संभावनाओं पर गहन चर्चा की गई।
बैठक में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के अंतर्गत किए गए कार्यों, विशेष रूप से सोशल ऑडिट और पारदर्शिता की दिशा में उठाए गए कदमों की समीक्षा की गई। ‘मेरी गांव मेरी सड़क’ पहल के अंतर्गत ग्रामीण संपर्क सड़कों की गुणवत्ता और स्थिति का आकलन किया गया।
इसके साथ ही बैठक में ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM), मुख्यमंत्री उद्यमशाला योजना, हाउस ऑफ हिमालयाज, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना (DDUGKY), मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास कार्यक्रम, मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना, वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के कार्यान्वयन पर भी चर्चा की गई।
मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती कोण्डे ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि सभी योजनाओं को पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से लागू किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही इन योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँचना चाहिए। उन्होंने यह दोहराया कि ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए योजनाओं की ईमानदारी से निगरानी और क्रियान्वयन अनिवार्य है।
बैठक में परियोजना निदेशक डीआरडीए श्री कैलाश नाथ तिवारी, जिला विकास अधिकारी श्री वेदप्रकाश, समस्त खंड विकास अधिकारी, ग्रामोत्थान रीप परियोजना के सहायक प्रबंधक और एनआरएलएम की पूरी टीम मौजूद रही। CDO ने सभी विभागों को अपने लक्ष्य समयसीमा के भीतर प्राप्त करने तथा फील्ड विजिट कर कार्यों की प्रगति को सत्यापित करने के निर्देश भी दिए।
इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक से यह संकेत स्पष्ट है कि प्रशासनिक स्तर पर ग्रामीण विकास योजनाओं को लेकर गंभीरता और सक्रियता बनी हुई है, ताकि हरिद्वार जनपद के गांवों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जा सके।