President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून से किया 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ, कहा — “योग सशक्त भारत की सॉफ्ट पावर”

President Draupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देहरादून से किया 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का शुभारंभ, कहा — “योग सशक्त भारत की सॉफ्ट पावर”
देहरादून, 21 जून 2025:
महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज देहरादून से 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का औपचारिक शुभारंभ किया। अपने संबोधन में उन्होंने योग को भारत की चेतना, सांस्कृतिक विरासत और सॉफ्ट पावर का सशक्त प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि “Prevention is better than cure” की भावना को साकार करता है और व्यक्ति, समुदाय व राष्ट्र को जोड़ने का माध्यम बन चुका है।
राष्ट्रपति ने कहा कि “जब व्यक्ति स्वस्थ होता है, तो परिवार स्वस्थ होता है; और जब परिवार स्वस्थ होता है, तो राष्ट्र भी स्वस्थ होता है।” उन्होंने सभी नागरिकों और संस्थाओं से योग को जन-जन तक पहुंचाने और इसे जीवनशैली का हिस्सा बनाने की अपील की।
इस ऐतिहासिक अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (से नि.) ने भी प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं और योग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने योग को भारत की प्राचीनतम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का अविच्छिन्न हिस्सा बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से आज योग वैश्विक आंदोलन बन चुका है।
राज्यपाल ने इस वर्ष की थीम — “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” को भारत की सनातन परंपरा “वसुधैव कुटुम्बकम्” की सजीव अभिव्यक्ति बताया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पावन भूमि, जहां ऋषियों ने साधना की, वह योग अभ्यास के लिए सर्वश्रेष्ठ स्थानों में से एक है।
कार्यक्रम में उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्रेरणा से तैयार की गई भारत की पहली ‘योग नीति – 2025’ की रूपरेखा और लक्ष्य प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि यह नीति न केवल योग को संस्थागत रूप देगी, बल्कि इसे उद्यमिता और अनुसंधान के हब में भी परिवर्तित करेगी।
उत्तराखंड योग नीति 2025 की मुख्य विशेषताएं:
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योग और ध्यान केंद्रों की स्थापना हेतु अधिकतम 20 लाख रूपये तक का पूंजीगत अनुदान।
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योग अनुसंधान कार्यों हेतु 10 लाख रूपये तक का शोध अनुदान।
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योग शिक्षकों के लिए सर्टिफिकेशन की प्राथमिकता, योग सर्टिफिकेशन बोर्ड के माध्यम से।
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राज्य में योग निदेशालय की स्थापना।
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मौजूदा संस्थानों में अनुसंधान और पारिश्रमिक प्रतिपूर्ति की व्यवस्था।
नीति के प्रमुख लक्ष्य:
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वर्ष 2030 तक 5 नए योग हब्स की स्थापना।
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मार्च 2026 तक सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटरों में योग सेवाओं की उपलब्धता।
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विभिन्न वर्गों के लिए माइंडफुलनेस कार्यक्रमों की शुरुआत।
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योग संस्थाओं का 100% पंजीकरण सुनिश्चित करना।
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एक विशेष ऑनलाइन योग प्लेटफॉर्म का विकास।
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मार्च 2028 तक 15 से 20 राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से साझेदारी।
कैबिनेट मंत्री ने भरोसा जताया कि यह नीति उत्तराखंड की आध्यात्मिक ऊर्जा, पारंपरिक ज्ञान और सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक अवसरों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
यह आयोजन उत्तराखंड की उस पहचान को और सुदृढ़ करता है, जिसमें यह भूमि न केवल आध्यात्मिक साधना की धरोहर है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य, संतुलन और सामूहिक चेतना की प्रेरक भूमि भी है।