Petrol Diesel Price Hike, पेट्रोल की महंगाई सरकार की नाकामी का सबूत- नरेन्द्र मोदी ने कहा था
Petrol Diesel Price Hike, फरवरी 2015 में दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर नसीब के कारण पेट्रोल-डीजल के दाम कम होते हैं तो बदनसीब को लाने की क्या जरूरत है?
भारत में पेट्रोल की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है। दिल्ली में इस समय पेट्रोल की कीमत 89.29 रुपये प्रति लीटर है, और वहीं डीजल की 79.70 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है। लगातार बढ़ते कीमत को लेकर विपक्षी दल सरकार पर हमले बोले जा रहे हैं। विपक्षी दल प्रधानमंत्री को उनके पुराने ट्वीट याद दिलवा रहे हैं जिनमें उन्होेंने लिखा था, पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी यूपीए सरकार की नाकामी है। इससे करोड़ों गुजरातियों पर असर पड़ेगा।
गौरतलब है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इनकी बेस कीमत पर केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से वैट और एक्साइज शुल्क जोड़ा जाता है। डीलर कमीशन जुड़ने के बाद रिटेल प्राइस चार गुना तक बढ़ने की संभावना रहती है।
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पेट्रोल की कीमतों में लगी आग, पीएम मोदी ने बिना नाम लिए बताया इसमें पिछली सरकारों का हाथ
आइये अब जान लेते हैं कि आखिर पेट्रोल की कीमतों का निर्धारण कैसे होता है। फिलहाल एक लीटर पेट्रोल पर कुल 32.98 पैसे की एक्साइज ड्यूटी लगती है जबकि डीजल पर 31.83 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी लगती है। वैट सभी राज्य सरकारों की तरफ से तय किया जाता है। डीलर कमीशन औसत रूप से 3.67 रुपये है। 14 सितंबर, 2013 को पेट्रोल की कीमत 76.06 रुपये प्रति लीटर थी। लगभग पांच साल बाद 21 मई, 2018 को दिल्ली में पेट्रोल की क़ीमत 76.57 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई थी। अब इसकी कीमत में एक बार फिर लगभग 13 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।
पेट्रोल-डीजल की कीमत को लेकर गरमाई राजनीति-
देश में Petrol Diesel Price Hike होते हैं तो इस पर राजनीति भी खूब जमकर होती है। साल 2012 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और केंद्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार थी, तब उन्होंने ट्वीट किया था कि पेट्रोल की कीमतों को बढ़ाने का फैसला संसद के सत्र के खत्म होने के एक दिन बाद लेना संसद की गरिमा को चोट पहुंचाना है। एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि यूपीए सरकार कसाई खानों को सब्सिडी देती है और डीजल की कीमतों को बढ़ाती है। क्या ये कांग्रेस की दिशा है?
UPA gives subsidy to slaughter houses but rations LPG cylinders & hikes diesel price. Is this Disha of Congress? http://t.co/4UaPxhqC
— Narendra Modi (@narendramodi) September 14, 2012
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2014 के चुनावों में बीजेपी की तरफ से Petrol Diesel Price Hike पर पोस्टर जारी कर कहा गया था, बहुत हुई जनता पर पेट्रोल-डीजल की मार, अबकी बार मोदी सरकार
नवंबर 2011 को बीजेपी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था, हम चैलेंज के साथ कह सकते हैं कि पूरी तरह से रिफाइंड पेट्रोल दिल्ली में 34 रुपये और मुंबई में 36 रुपये की दर से मिल सकता है तो उसके दोगुने दाम क्यों सरकार की तरफ से लिए जा रहे हैं?
वहीं बढ़ते दामों को लेकर लगातार केंद्र सरकार पर हमला कर रही कांग्रेस पार्टी जब सत्ता में हुआ करती थी तो उसका कहना था कि विश्व बाजार में बढ़ती कीमत के कारण ऐसा हो रहा है। हालांकि सच्चाई यह है कि पेट्रोल की बढ़ती कीमत को लेकर पिछले 2 दशक में किसी भी सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
Petrol Diesel Price Hike, क्या सरकार कीमतें नहीं घटा सकती है?
सरकार के पास पेट्रोलियम उत्पादों के दाम घटाने के अधिकार हैं। कीमतों को डीरेगुलेट करने और इन पर टैक्स घटाने के विकल्प भी। 15 जून 2017 से देश में पेट्रोल, डीजल की कीमतें रोजाना आधार पर बदलने की शुरुआत की गयी थी, इसके पहले इनमें हर तिमाही में बदलाव किया जाता था। इसके बाद कीमत बाजार के हाथों में चले जाने के बाद इसमें अधिक तेजी देखने को मिल रही है।
पड़ोसी देशों में कम है पेट्रोल की कीमत –
भारत के पड़ोसी देशों में पेट्रोल की कीमत भारत की तुलना में काफी कम है। पाकिस्तान में पेट्रोल की कीमत करीब 51 रु., श्रीलंका में पेट्रोल 60.26 रु. और भूटान में इसकी कीमत 49.56 रुपये हैं।