Kedarnath Yatra 2025: केदारनाथ यात्रा ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, एक महीने में 7 लाख से अधिक श्रद्धालु, 200 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कारोबार

Kedarnath Yatra 2025: केदारनाथ यात्रा ने तोड़े सभी रिकॉर्ड, एक महीने में 7 लाख से अधिक श्रद्धालु, 200 करोड़ रुपये से ज़्यादा का कारोबार
केदारनाथ धाम की यात्रा इस वर्ष नए कीर्तिमान रच रही है। बाबा केदार के दर्शन के लिए देश-विदेश से उमड़ती श्रद्धालुओं की भारी भीड़ न केवल धार्मिक आस्था का प्रमाण बन रही है, बल्कि उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था को भी नया जीवन दे रही है। सरकारी प्रयासों और सुविधाओं के चलते यह यात्रा अब केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि एक समृद्ध और संगठित आर्थिक गतिविधि बन गई है। इससे स्थानीय व्यापार, पर्यटन, पशुपालन, हेली सेवा और होटल इंडस्ट्री में बूम आया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ यात्रा को उत्तराखण्ड की संस्कृति और आस्था की धुरी बताते हुए कहा कि सरकार का उद्देश्य सिर्फ श्रद्धालुओं को सुविधाएं देना नहीं है, बल्कि स्थानीय युवाओं, महिलाओं और व्यापारियों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना भी है। उनका कहना है कि राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि यात्रा न केवल सुरक्षित और सरल हो, बल्कि सभी के लिए समृद्धि का माध्यम भी बने।
बाबा केदारनाथ के कपाट खुले एक महीना पूरा हो चुका है, और इस अवधि में यात्रा से जुड़ी सभी सेवाओं और व्यापार से 200 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार दर्ज किया गया है। 1 जून तक 7 लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा के दर्शन कर चुके हैं, जिसका औसत लगभग प्रतिदिन 24,000 श्रद्धालुओं का है। जून के पहले सप्ताह में यह संख्या और तेज़ी से बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
गौरीकुंड से केदारनाथ तक 20 किलोमीटर के दुर्गम पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत के अनुसार, अब तक 1,39,444 श्रद्धालु घोड़े-खच्चरों की मदद से धाम पहुंचे हैं, जिससे 40.5 करोड़ रुपये की आय हुई है। हालांकि इक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण कुछ समय संचालन प्रभावित भी हुआ था, लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है।
हेली सेवाओं की बात करें तो जिला पर्यटन अधिकारी और नोडल हेली सेवा प्रभारी श्री राहुल चौबे ने बताया कि इस बार 8 कंपनियों के माध्यम से 9 हेलीपैड से संचालन हो रहा है। 31 मई तक 33,000 श्रद्धालु हेलिकॉप्टर के ज़रिए धाम पहुंचे हैं, जिससे 35 करोड़ रुपये की आय हुई है। उन्होंने श्रद्धालुओं से केवल आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट से हेली टिकट बुक करने की अपील की है।
डंडी-कंडी सेवाओं से भी हजारों लोगों को लाभ मिला है। जिला पंचायत रुद्रप्रयाग के अपर मुख्य अधिकारी संजय कुमार ने बताया कि 7,000 से अधिक डंडी-कंडी संचालकों को यात्रा में शामिल किया गया है, और अब तक 29,275 श्रद्धालु इस सेवा का लाभ ले चुके हैं। इससे 1.16 करोड़ रुपये की आमदनी हुई है। साथ ही, सफाई और नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना लगाकर 2.26 लाख रुपये का अर्थदंड वसूला गया है।
सहायक परिवहन अधिकारी कुलवंत सिंह चौहान के अनुसार, इस साल 225 गाड़ियां शटल सेवा के लिए पंजीकृत हैं। इनके माध्यम से अब तक लगभग 7 करोड़ रुपये की आय टैक्सी संचालकों को हुई है। महिलाओं और बुजुर्गों के लिए विशेष 25 गाड़ियां आरक्षित की गई हैं, जिसे आगे और बढ़ाया जाएगा।
स्थानीय व्यापारियों को भी इस यात्रा से जबरदस्त लाभ मिल रहा है। गौरीकुंड व्यापार संघ के अध्यक्ष रामचंद्र गोस्वामी ने बताया कि 7 लाख श्रद्धालुओं की यात्रा से होटल और रेस्टोरेंट व्यवसाय में 100 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार हुआ है। वहीं जीएमवीएन के रीजनल मैनेजर गिरवीर रावत ने बताया कि उनके 15 प्रतिष्ठानों, जिनमें ध्यान गुफा भी शामिल है, ने 3.80 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है।
केदारनाथ यात्रा अब न केवल आस्था का केंद्र बन गई है, बल्कि उत्तराखण्ड के लिए आर्थिक विकास और स्थानीय जनता के सशक्तिकरण का मुख्य स्रोत भी बन रही है। सरकार, प्रशासन, व्यापारी वर्ग और सेवा प्रदाताओं की संयुक्त मेहनत ने केदारपुरी को नए युग के तीर्थ का रूप दे दिया है।