Pahalgam Attack : सिंधु जल संधि पर रोक भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब, मुख्यमंत्री धामी बोले– अब खून और पानी साथ नहीं बहेंगे

 Pahalgam Attack : सिंधु जल संधि पर रोक भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब, मुख्यमंत्री धामी बोले– अब खून और पानी साथ नहीं बहेंगे
Sharing Is Caring:

Pahalgam Attack : सिंधु जल संधि पर रोक भारत का पाकिस्तान को करारा जवाब, मुख्यमंत्री धामी बोले– अब खून और पानी साथ नहीं बहेंगे

भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह आतंकवाद को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। केंद्र सरकार ने हाल ही में सिंधु जल संधि पर रोक लगाकर पाकिस्तान को कड़ा और निर्णायक संदेश दिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले की सराहना करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लिए गए साहसिक और ऐतिहासिक कदमों में से एक बताया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्णायक नेतृत्व में हाल ही में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की बैठक में आतंकवाद के खिलाफ सख्त निर्णय लिए गए थे और अब उन पर अमल की शुरुआत हो चुकी है। सिंधु जल संधि पर रोक लगाकर भारत ने न केवल पाकिस्तान को उसकी हरकतों का जवाब दिया है, बल्कि यह भी साबित कर दिया है कि भारत अब किसी भी आतंकी हमले का मुँहतोड़ जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा।

उन्होंने कहा कि दशकों पुरानी सिंधु जल संधि भारत ने सद्भाव और शांतिपूर्ण संबंधों के उद्देश्य से निभाई, लेकिन पाकिस्तान की ओर से बार-बार आतंकवाद को समर्थन और संरक्षण मिलने के चलते अब यह संयम खत्म हो चुका है। अब जब पाकिस्तान खून बहा रहा है, तो भारत पानी नहीं बहा सकता। मुख्यमंत्री ने दो टूक शब्दों में कहा, “अब खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।”

सीएम धामी ने आगे कहा कि यह केवल एक जल संधि पर रोक नहीं है, बल्कि एक बड़ा रणनीतिक और कूटनीतिक फैसला है, जो भारत की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति को दर्शाता है। इससे पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से संदेश गया है कि भारत अब न तो चुप बैठेगा और न ही किसी भी हमले को सिर्फ निंदा तक सीमित रखेगा। उन्होंने अटारी बॉर्डर चेक पोस्ट को बंद करने जैसे अन्य फैसलों का भी समर्थन करते हुए कहा कि ये सभी कदम पाकिस्तान के उन मंसूबों पर पानी फेर देंगे, जिनके जरिए वह भारत की शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाना चाहता है।

मुख्यमंत्री धामी ने केंद्र सरकार के इस फैसले को देश के सम्मान और आत्मसम्मान से जोड़ते हुए कहा कि यह कदम प्रत्येक भारतीय की भावनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि जो देश लगातार आतंकवाद को पालता है, उसे अब भारत से किसी प्रकार की सहानुभूति या सहयोग की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए।

भारत द्वारा उठाया गया यह कदम केवल पाकिस्तान के लिए चेतावनी नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक संदेश है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत किसी तरह का दोहरापन नहीं रखता। अब जो देश शांति की भाषा नहीं समझते, उन्हें कड़े कदमों का सामना करना पड़ेगा।

देशभर में इस फैसले का स्वागत हो रहा है और आमजन में यह संदेश गया है कि भारत अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है। यह फैसला भविष्य की उस नीति की झलक है जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है, और देश का सम्मान सर्वोच्च।

Sharing Is Caring:

Admin

https://nirmanshalatimes.com/

A short bio about the author can be here....

Related post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *