Big Relief To Farmers: किसानों को बड़ी राहत: ब्याज माफी के साथ एकमुश्त समझौता योजना लागू, दौसा में 246 किसानों को मिलेगा लाभ
राजस्थान सरकार ने किसानों के हित में एक और बड़ा कदम उठाया है। किसानों को आर्थिक संबल देने और पुराने ऋण के बोझ से राहत दिलाने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना 2025-26” को राज्य में लागू कर दिया गया है। दौसा जिले में इस योजना के तहत अब तक 246 ऋण मामलों को पात्र माना गया है, जिनमें किसानों को करीब 8 करोड़ रुपये से अधिक की राहत मिलेगी।
दौसा सहकारी भूमि विकास बैंक के सचिव ने जानकारी दी कि जिन किसानों के ऋण 1 जुलाई 2024 को अवधिपार की श्रेणी में आते हैं, उन्हें इस योजना के अंतर्गत ब्याज, दंडनीय ब्याज, वसूली व्यय एवं अन्य संबंधित खर्चों पर शत-प्रतिशत राहत दी जाएगी। इसका मतलब है कि किसान केवल मूलधन जमा करके अपने ऋण खातों को पूरी तरह बंद कर सकते हैं।
सचिव ने बताया कि जिन मामलों में किसान का निधन हो चुका है, वहां भी राहत का प्रावधान रखा गया है। ऐसे मामलों में मृतक किसान के वारिसों को राहत राशि के अतिरिक्त बकाया सम्पूर्ण ऋण जमा करवाकर ऋण खाता बंद करवाना अनिवार्य होगा। यह निर्णय उन परिजनों को बड़ी राहत देगा जो अपने स्वजन के ऋण के कारण मानसिक और आर्थिक बोझ झेल रहे थे।
बैंक ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन मामलों में राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 103 के तहत कार्यवाही चल रही है, वे भी इस योजना के तहत पात्र माने जाएंगे। यह उन किसानों के लिए एक बड़ी राहत है जिनके खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी थी।
इस योजना से न केवल किसानों को राहत मिलेगी बल्कि बैंकों को भी अपनी बकाया राशि की वसूली में आसानी होगी। यह योजना राज्य सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है जिसमें वह किसान हितों को सर्वोपरि रखती है। योजना के क्रियान्वयन से सहकारी बैंकों में ऋण चुकौती की दर भी सुधरेगी और किसानों में विश्वास बहाल होगा।
इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान दौसा सहकारी भूमि विकास बैंक के प्रधान कार्यालय या शाखा कार्यालयों—दौसा, लालसोट, बांदीकुई, सिकराय एवं महुवा—से संपर्क कर सकते हैं। अधिकारियों ने अपील की है कि पात्र किसान इस अवसर का लाभ उठाएं और समय पर आवेदन कर ऋण से मुक्ति प्राप्त करें।
मुख्यमंत्री की इस पहल को किसानों और जनप्रतिनिधियों ने सराहा है। इसे एक साहसिक और किसान हितैषी निर्णय माना जा रहा है, जो राज्य के कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की दिशा में बड़ा कदम है।