Bihar Cabinet Decisions: आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी, कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले
पटना, 9 सितंबर।
बिहार सरकार ने आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के मानदेय में बढ़ोतरी का बड़ा फैसला लिया है। राज्य कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब आंगनबाड़ी सेविका को 7 हजार रुपये की जगह 9 हजार रुपये और सहायिका को 4 हजार रुपये की जगह 4,500 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा। इस फैसले से लाखों सेविकाओं और सहायिकाओं को सीधा लाभ मिलेगा। सरकार ने इस मद में प्रतिवर्ष 345 करोड़ 19 लाख 20 हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने का फैसला किया है।
बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई, जिसमें कुल 25 एजेंडों को मंजूरी मिली। बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने प्रेस वार्ता कर विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सेविकाओं और सहायिकाओं को बढ़ी हुई राशि 1 सितंबर 2025 से ही प्रभावी रूप से मिलेगी। आईसीडीएस (समेकित बाल विकास योजना) के सफल संचालन में इनकी अहम भूमिका को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है। बढ़ती महंगाई और मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए सरकार का मानना है कि इस निर्णय से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा और कार्य की गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
पंचायतों में विवाह मंडप और सोलर स्ट्रीट लाइट
कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री कन्या विवाह मंडप योजना के लिए भी 50 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। इसके तहत राज्य की 8,053 पंचायतों में चरणबद्ध तरीके से विवाह मंडप बनाए जाएंगे। चूंकि यह योजना नई है, इसलिए शुरुआती खर्च आकस्मिकता निधि से जारी किया गया है। इसी तरह मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना को गति देने के लिए 100 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है ताकि निर्धारित लक्ष्य समय पर पूरा हो सके।
पटना में बनेगा जीविका का मुख्यालय
बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका) का राज्य स्तरीय मुख्यालय पटना में बनाने का भी निर्णय लिया गया है। इसके लिए 73 करोड़ 66 लाख रुपये प्रशासनिक स्वीकृति दी गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग को विभिन्न आधारभूत ढांचों जैसे नाला, सड़क, प्रशासनिक भवन, शवदाह गृह, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन से जुड़े कार्यों के लिए भूमि उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया गया है।
छह शहरों में गैस आधारित शवदाह गृह
कैबिनेट ने कोयंबटूर स्थित ईशा फाउंडेशन को पटना, गयाजी, छपरा, सहरसा, भागलपुर और बेगूसराय में एलपीजी आधारित शवदाह गृह की स्थापना के लिए जमीन लीज पर देने की मंजूरी भी दी। प्रत्येक शहर में एक-एक एकड़ भूमि मात्र 1 रुपये टोकन पर 30 वर्ष के लिए उपलब्ध कराई जाएगी।
नए थानों में सीसीटीवी कैमरे
राज्य के 176 नए थानों में सीसीटीवी कैमरे और डैशबोर्ड लगाए जाएंगे। साथ ही भविष्य में बनने वाले सभी नए थानों में इन्हें अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा। जिन पुराने थानों का नवीनीकरण हुआ है, वहां भी यह व्यवस्था होगी। इसके लिए 280 करोड़ 60 लाख 79 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
उदेरास्थान बराज और नहर प्रणाली का विकास
जहानाबाद जिले में उदेरास्थान बराज के निर्माण को भी मंजूरी मिल गई है। लंबे समय से चल रहे मुकदमे के निपटारे के बाद अब इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। 651 करोड़ 13 लाख रुपये की लागत से बराज का निर्माण होगा और उदेरास्थान वीयर योजना की नहर प्रणालियों का आधुनिकीकरण भी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना की शुरुआत
मंत्रिपरिषद की बैठक में मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना की भी घोषणा की गई है। इसके तहत 121 फेलो का चयन किया जाएगा और उन्हें दो वर्षों के लिए विभिन्न विभागों में तैनात किया जाएगा। इस योजना पर 31 करोड़ 85 लाख रुपये का खर्च आएगा। चयनित फेलो को उनके अनुभव और स्तर के अनुसार 1.50 लाख, 1.25 लाख, 1 लाख और 80 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। इन फेलोज़ की तैनाती मुख्यमंत्री सचिवालय, डिप्टी सीएम कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय, जिलाधिकारी और प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय समेत अन्य विभागों में की जाएगी।
रोजगार सृजन और नगर निगम सुधार
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में 3,303 नए पदों की भी मंजूरी दी गई है। इन पदों पर बहाली बढ़ते जमाबंदी मामलों का त्वरित निपटारा करने के उद्देश्य से की जाएगी। नगर निगम स्तर पर योजना प्रभाग गठित करने और सहायक नगरपालिका योजना पदाधिकारी के पद सृजित करने का भी निर्णय लिया गया है, ताकि नगर निकायों में बढ़ते कामकाज का कुशल प्रबंधन हो सके।
राज्य सरकार के इन फैसलों से न केवल आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं के जीवन स्तर में सुधार होगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आधारभूत ढांचा विकास, रोजगार के अवसर और नागरिक सुविधाओं में भी वृद्धि होगी।