Illegal Madrasas: उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर बड़ी कार्रवाई, अब तक 19 सील, बढ़ा विरोध

Illegal Madrasas: उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर बड़ी कार्रवाई, अब तक 19 सील, बढ़ा विरोध
उत्तराखंड में अवैध मदरसों पर प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद पछवादून क्षेत्र में अब तक 19 मदरसों को सील किया जा चुका है। प्रशासन की इस ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद क्षेत्र में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जहां प्रशासन अवैध मदरसों को बंद कराने में जुटा है, वहीं हिंदू संगठनों से जुड़े लोग न केवल इन मदरसों पर बल्कि मस्जिदों और उनमें लगे लाउडस्पीकरों पर भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, मुस्लिम समुदाय के लोग इस कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और इसे एकतरफा करार दे रहे हैं।
लगातार जारी है प्रशासन की कार्रवाई
पछवादून क्षेत्र में प्रशासन द्वारा चिन्हित किए गए अवैध मदरसों पर कार्रवाई चरणबद्ध तरीके से की जा रही है। सोमवार को सहसपुर क्षेत्र में तीसरी बार अभियान चलाते हुए प्रशासन ने बिना रजिस्ट्रेशन और अन्य मानकों के विपरीत संचालित 10 मदरसों को सील कर दिया। सहसपुर क्षेत्र के ढाकी, खुशहालपुर, बैरागीवाला और धर्मावाला इलाकों में यह कार्रवाई की गई।
इससे पहले, विकासनगर में प्रशासन ने दो बार बड़ी कार्रवाई की थी। पहली कार्रवाई के दौरान 4 मदरसों को सील किया गया था, जबकि दूसरी बार 5 मदरसों के साथ एक मस्जिद को भी सील कर दिया गया था। प्रशासन का कहना है कि ये सभी मदरसे बिना किसी आधिकारिक अनुमति के संचालित हो रहे थे और इनके खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं।
कानूनी प्रक्रियाओं का हवाला दे रहा प्रशासन
प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई नियमों और कानून के तहत की जा रही है। उप जिलाधिकारी विकासनगर के नेतृत्व में इस कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है, जिसमें तहसील प्रशासन, शिक्षा विभाग, अल्पसंख्यक विभाग, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण और बड़ी संख्या में पुलिस बल शामिल है। अधिकारियों का कहना है कि सरकार के निर्देशानुसार अवैध रूप से चल रहे सभी धार्मिक शिक्षण संस्थानों की जांच की जा रही है, और जिनकी मान्यता नहीं है, उन्हें बंद किया जाएगा।
हिंदू संगठनों की ओर से उठी नई मांग
इस कार्रवाई के बाद हिंदू संगठनों ने इसे और व्यापक करने की मांग उठाई है। वे केवल अवैध मदरसों पर ही नहीं, बल्कि मस्जिदों और उनमें लगे लाउडस्पीकरों पर भी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। तहसील पहुंचकर हिंदू संगठनों से जुड़े लोगों ने प्रशासन से अनुरोध किया कि अवैध धार्मिक स्थलों और वहां हो रही गतिविधियों पर भी ध्यान दिया जाए।
मुस्लिम समुदाय ने किया विरोध
प्रशासन की इस कार्रवाई के खिलाफ मुस्लिम समुदाय खुलकर सामने आ रहा है। कई स्थानीय मुस्लिम नेताओं और संगठनों ने इसे अन्यायपूर्ण बताया और आरोप लगाया कि केवल एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर नियमों का पालन न करने वाले संस्थानों पर कार्रवाई हो रही है, तो यह सब पर समान रूप से लागू होना चाहिए, न कि सिर्फ मदरसों पर।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इन मदरसों में कई गरीब और अनाथ बच्चे पढ़ाई कर रहे थे, जिनका भविष्य अब अधर में लटक गया है। प्रशासन से मांग की जा रही है कि इन मदरसों को मान्यता देने या इन्हें वैध रूप से संचालित करने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
स्थिति पर नजर बनाए हुए है प्रशासन
प्रशासन स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है और किसी भी तरह के विरोध या अशांति को रोकने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। सरकार का कहना है कि अवैध संस्थानों को बंद करने की मुहिम जारी रहेगी और जरूरत पड़ने पर आगे भी ऐसी कार्रवाई की जाएगी।