Uttarakhand: गजा घण्टाकर्ण महोत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ: उत्तराखंड की संस्कृति को मिला नया आयाम

Uttarakhand: गजा घण्टाकर्ण महोत्सव 2025 का भव्य शुभारंभ: उत्तराखंड की संस्कृति को मिला नया आयाम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी जिले के गजा स्थित अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज में आयोजित तीन दिवसीय ‘प्रथम गजा घण्टाकर्ण महोत्सव-2025’ का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने घण्टाकर्ण मंदिर में विधिवत पूजा-अर्चना कर राज्य की समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उन्होंने राज्य आंदोलनकारी शहीद बेलमती चौहान की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और सभी को महोत्सव की शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि गजा घण्टाकर्ण महोत्सव केवल सांस्कृतिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की ऐतिहासिक विरासत और परंपरा को जीवित रखने का एक प्रेरणादायक प्रयास है। उन्होंने बताया कि गजा स्थित घण्टाकर्ण मंदिर राज्य के प्राचीनतम मंदिरों में से एक है, जो धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां से श्रद्धालु हरिद्वार और हिमालय के दिव्य दर्शन एक साथ कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बद्रीनाथ की परिक्रमा के उपरांत यह स्थल दूसरी परिक्रमा के रूप में माना जाता है, जो इसे और भी विशेष बनाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव से न केवल धार्मिक चेतना का संचार होगा, बल्कि यह क्षेत्र विकास की नई दिशा में अग्रसर होगा। उन्होंने बताया कि गजा क्षेत्र में अब तक 30 करोड़ रुपये की लागत से पॉलीटेक्निक कॉलेज, 24 करोड़ की लागत से हेंवलघाटी पेयजल योजना, नगर पंचायत कार्यालय, विश्राम गृह और गौशाला जैसे विकास कार्य पूरे किए जा चुके हैं। उन्होंने ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ और ‘हाउस ऑफ हिमालय’ जैसे नवाचारों का उल्लेख करते हुए बताया कि स्थानीय उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तराखंड को भारत का सबसे श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था 11वें स्थान से चौथे स्थान पर पहुंची है और 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने बद्रीनाथ मास्टर प्लान, केदारनाथ पुनर्निर्माण, ऑल वेदर रोड परियोजना, पर्यटन और कृषि क्षेत्र में हो रहे कार्यों का विशेष उल्लेख किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उत्तराखंड सरकार ने कई ऐतिहासिक कानून बनाए हैं, जिनमें समान नागरिक संहिता (UCC), नकल विरोधी कानून, धर्मांतरण विरोधी कानून और सख्त भू-कानून शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत 100 से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया है और अब तक 23,000 से ज्यादा युवाओं को सरकारी नौकरियों में सफलता मिली है।
महोत्सव के अवसर पर वन, तकनीकी शिक्षा, भाषा एवं निर्वाचन मंत्री सुबोध उनियाल ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए राज्य सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और कहा कि गांवों का तेजी से विकास मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता का परिणाम है।
कार्यक्रम में स्कूली बच्चों द्वारा सरस्वती वंदना, स्वागत गीत, लोकनृत्य, नाटक और झांकियों की सुंदर प्रस्तुतियों ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया। मुख्यमंत्री ने इन प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए आयोजकों और बच्चों के माता-पिता को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की लोकसंस्कृति और परिधान को देश और विदेश में पहचान दिलाने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने एमबीबीएस, आईआईटी, एनआईटी और नौसेना में चयनित स्थानीय मेधावी विद्यार्थियों को मंच पर सम्मानित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। साथ ही उन्होंने शहीद विक्रम सिंह नेगी के गांव की सड़क को उनके नाम पर करने की घोषणा कर सभी को भावुक कर दिया।
इस आयोजन में भाजपा जिलाध्यक्ष उदय रावत, ब्लॉक प्रमुख प्रशासक, नरेन्द्रनगर से राजेन्द्र भण्डारी, चम्बा से शिवानी बिष्ट, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष चम्बा शोभनी धनोला, नगर पंचायत अध्यक्ष गजा कुंवर सिंह चौहान, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल, लोक गायक प्रीतम भरतवाण समेत कई जनप्रतिनिधि, अधिकारी और भारी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित रही। यह आयोजन उत्तराखंड की सांस्कृतिक चेतना और विकास की गति को एक नई ऊंचाई देता प्रतीत हुआ।