Haridwar: हरिद्वार में ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना को मिली नई दिशा, उद्यम विकास पर हुई विस्तृत समीक्षा बैठक

Haridwar: हरिद्वार में ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना को मिली नई दिशा, उद्यम विकास पर हुई विस्तृत समीक्षा बैठक
हरिद्वार, 03 जून 2025: उत्तराखंड के हरिद्वार जनपद में ग्रामीण उद्यमिता को सशक्त और सतत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। जिला मुख्यालय स्थित विकास भवन रोशनाबाद में मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) की अध्यक्षता में ‘ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना’ के अंतर्गत एक उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक उत्तराखंड ग्राम्य विकास समिति द्वारा संचालित रीप परियोजना की प्रगति, चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों पर केंद्रित थी। बैठक में परियोजना प्रबंधन हेतु नियुक्त मैनेजमेंट कंसल्टेंसी फर्म (एमसीएफ) की वरिष्ठ टीम, जिसमें टीम लीडर, को-टीम लीडर (बिजनेस एंड एंटरप्राइज), जिला परियोजना प्रबंधक समेत अन्य अधिकारी शामिल थे, ने भाग लिया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ग्रामीण उद्यमिता के नए लक्ष्यों को तय करना था। इस दौरान ग्रामीण स्तर पर मौजूदा उद्यमों की दीर्घकालिक स्थिरता, उनके व्यवसाय विस्तार की संभावनाएं, और एक सशक्त सामाजिक उद्यम मॉडल के निर्माण को लेकर व्यापक विचार-विमर्श किया गया। मुख्य विकास अधिकारी महोदया ने स्पष्ट रूप से कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों के विकास के लिए उद्यमों को न केवल तकनीकी बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी सशक्त बनाना आवश्यक है। उन्होंने एमसीएफ टीम को निर्देशित किया कि वे मानव संसाधन का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करें, नए उद्यमों के लिए व्यवहारिक व्यवसाय योजनाएं तैयार करें और उनके सफल संचालन के लिए हरसंभव तकनीकी व संस्थागत सहयोग प्रदान करें।
सीडीओ ने इस बात पर भी बल दिया कि हर स्तर पर एमसीएफ टीम का सक्रिय और समर्पित सहयोग न केवल परियोजना की सफलता में योगदान देगा बल्कि ग्रामीण समुदायों में आत्मनिर्भरता और नवाचार को भी बढ़ावा देगा। उन्होंने ग्रामीण युवाओं और महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से स्थायी उद्यम मॉडल खड़ा करने की आवश्यकता पर भी विशेष ध्यान देने को कहा।
एमसीएफ टीम के टीम लीडर ने आश्वस्त किया कि वे हरिद्वार जनपद के भीतर स्थापित किए जा रहे सभी प्रकार के ग्रामीण उद्यमों को समर्पित रूप से सहयोग देंगे। उन्होंने कहा कि टीम व्यावसायिक योजनाओं के निर्माण से लेकर व्यवहार्यता अध्ययन, उत्पाद विकास, ब्रांडिंग, पैकेजिंग, विपणन और मूल्य श्रृंखला प्रबंधन तक हर स्तर पर मार्गदर्शन और विशेषज्ञता प्रदान करेगी। इसके अलावा, तकनीकी और वित्तीय आवश्यकताओं के अनुरूप विशेषज्ञों की नियुक्ति और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी परियोजना का अभिन्न हिस्सा होंगे।
यह बैठक न केवल रीप परियोजना की वर्तमान स्थिति का मूल्यांकन करने का माध्यम बनी, बल्कि इससे भविष्य की योजनाओं को प्रभावी रूप से दिशा देने का भी मार्ग प्रशस्त हुआ। इसमें लिए गए निर्णय निश्चित रूप से हरिद्वार जनपद के ग्रामीण विकास में नए कीर्तिमान स्थापित करेंगे। इससे एक ओर जहाँ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे।