Dehradun: देहरादून में 16वें वित्त आयोग की अहम बैठक: मुख्यमंत्री धामी की मौजूदगी में राज्य के हितों पर केंद्रित विमर्श

Dehradun: देहरादून में 16वें वित्त आयोग की अहम बैठक: मुख्यमंत्री धामी की मौजूदगी में राज्य के हितों पर केंद्रित विमर्श
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून आज एक महत्वपूर्ण आर्थिक विमर्श का केंद्र बनी रही, जहां 16वें वित्त आयोग की टीम ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की। यह बैठक आगामी पांच वर्षों के लिए राज्यों को मिलने वाले केंद्रीय अनुदान, करों के हिस्से और वित्तीय संसाधनों के वितरण को लेकर अहम रही।
बैठक में राज्य सरकार की ओर से आयोग की टीम के समक्ष एक विस्तारपूर्वक प्रस्तुति दी गई, जिसमें उत्तराखंड की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों, सीमावर्ती राज्य के रूप में इसकी चुनौतियों, आपदा संभावनाओं, सीमित संसाधनों और बढ़ते बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को रेखांकित किया गया। राज्य ने यह भी मांग की कि उत्तराखंड को विशेष श्रेणी का राज्य माना जाए या फिर उसे पर्वतीय राज्य की भिन्न आवश्यकताओं के अनुरूप अनुदान आवंटन में प्राथमिकता दी जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बैठक में संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड जैसे राज्य को उसके विशेष भूगोल, जनसंख्या घनत्व, आपदा प्रबंधन की लगातार जरूरत और पर्यावरणीय संरक्षण के प्रयासों को ध्यान में रखते हुए केंद्र से अपेक्षित सहयोग मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्वतीय राज्यों के लिए विशेष पैकेज या नीति बनाई जानी चाहिए, ताकि संतुलित विकास सुनिश्चित हो सके।
वित्त आयोग की टीम ने राज्य सरकार की मांगों और प्रस्तुति को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि सभी सुझावों पर निष्पक्षता से विचार किया जाएगा। आयोग ने यह भी कहा कि वह विभिन्न राज्यों की ज़मीनी हकीकत को समझते हुए ही अपनी सिफारिशें तैयार करेगा।
यह बैठक न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण रही, बल्कि राज्य और केंद्र के बीच आपसी समन्वय और सहयोग का भी प्रतीक बनी। उत्तराखंड को आगामी वर्षों में मिलने वाले संसाधनों और अनुदानों का सीधा असर राज्य की विकास योजनाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य, शिक्षा, और आपदा प्रबंधन जैसी बुनियादी सेवाओं पर पड़ेगा।