Uttarakhand: उत्तराखंड में भू-कानून उल्लंघन पर सीएम धामी सख्त, चारधाम यात्रा में अब तक 28 लाख श्रद्धालु पहुंचे

Uttarakhand: उत्तराखंड में भू-कानून उल्लंघन पर सीएम धामी सख्त, चारधाम यात्रा में अब तक 28 लाख श्रद्धालु पहुंचे
देहरादून में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट शब्दों में कहा है कि राज्य में भू-कानून का उल्लंघन किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब तक यह देखा गया था कि ज़मीन जिस प्रयोजन से खरीदी जाती थी, उसका उपयोग उन उद्देश्यों में न होकर कई बार दुरुपयोग के रूप में सामने आता था। ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुए सरकार ने भू-कानून में संशोधन लाया है और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “उत्तराखंड के लोगों की यह वर्षों पुरानी अपेक्षा थी कि राज्य के भौगोलिक और सामाजिक हितों को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत भू-कानून बने। हमने उनकी भावना का सम्मान करते हुए यह कानून लागू किया है। यह न सिर्फ जमीन की खरीद-बिक्री को विनियमित करेगा, बल्कि राज्य की सुरक्षा, संसाधनों की रक्षा और पर्यावरणीय संतुलन को भी बनाए रखने में मदद करेगा।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ बाहरी तत्व उत्तराखंड में अवैध तरीके से ज़मीन खरीदकर उसे व्यावसायिक या अन्य गैरकानूनी उद्देश्यों में इस्तेमाल कर रहे थे, जो राज्य की प्रकृति, समाज और संस्कृति के लिए खतरनाक साबित हो सकता था। अब ऐसे तत्वों पर प्रशासन की पैनी नजर है और लगातार कार्रवाई की जा रही है।
चारधाम यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि इस वर्ष यात्रा बेहद संतुलित और सुरक्षित तरीके से संचालित की जा रही है। यात्रा के अब तक के आंकड़ों को साझा करते हुए उन्होंने कहा, “एक माह और 14 दिन की यात्रा अवधि में अब तक लगभग 28 लाख श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके हैं। यह उत्तराखंड की धार्मिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक क्षमता का प्रमाण है।”
धामी ने बताया कि यात्रा की निरंतर समीक्षा की जा रही है। प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य, परिवहन और आपदा प्रबंधन विभाग लगातार निगरानी कर रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो और यात्रा सुगम बनी रहे। विशेष ध्यान इस बात पर भी दिया जा रहा है कि अधिक भीड़ न हो और पर्यावरणीय संतुलन बना रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य न केवल श्रद्धालुओं को सुरक्षित दर्शन कराना है, बल्कि उत्तराखंड की धार्मिक विरासत को सम्मान के साथ आगे बढ़ाना भी है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को धन्यवाद दिया जो इस ऐतिहासिक यात्रा को सुचारु रूप से संचालित करने में जुटे हुए हैं।