Uttarakhand: उत्तराखंड सचिव समिति की बैठक में प्रशासनिक सुधारों को मिली रफ्तार, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने दिए ई-गवर्नेंस तेज़ करने के निर्देश

Uttarakhand: उत्तराखंड सचिव समिति की बैठक में प्रशासनिक सुधारों को मिली रफ्तार, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने दिए ई-गवर्नेंस तेज़ करने के निर्देश
उत्तराखंड सचिवालय में मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिव समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई, जिसमें राज्यहित एवं जनहित से जुड़ी योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ राज्य सरकार के कर्मियों की समस्याओं पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में विभिन्न विभागों के सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे ई-डीपीआर (e-Detailed Project Report) मॉड्यूल को तत्काल प्रभाव से लागू करें। उन्होंने कहा कि परियोजना की शुरुआत से लेकर स्वीकृति तक की समस्त प्रक्रिया ई-डीपीआर के माध्यम से डिजिटल प्लेटफॉर्म पर संचालित होनी चाहिए, जिससे पारदर्शिता और कार्यकुशलता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने सभी सचिवों को इसके क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग को 100 प्रतिशत ऑनलाइन करने के निर्देश दिए।
इसके साथ ही, मुख्य सचिव ने यूकेपीएफएमएस (UKPFMS) के अंतर्गत सभी सरकारी कर्मियों की सर्विस बुक डेटा को तुरंत अपडेट करने पर जोर दिया। उन्होंने आईएफएमएस (IFMS) डेटा को डिजिटाइज करने के लिए मैकेनिज्म को मजबूत करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने विभागाध्यक्षों को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों और वाहन चालकों के जीपीएफ (GPF) से संबंधित डेटा को भी नियमित रूप से अपडेट करते रहने के निर्देश दिए।
राज्य प्रशासन को डिजिटल बनाते हुए उन्होंने सभी विभागों को 100% ई-ऑफिस प्रणाली लागू करने की समयबद्ध हिदायत दी। उन्होंने जनपद स्तर के कार्यालयों को भी शीघ्र ई-ऑफिस प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित करने की जरूरत बताई, ताकि सरकारी कार्यों में पारदर्शिता और गति आए। इसके अतिरिक्त, सभी विभागों में 100% बायोमैट्रिक उपस्थिति लागू करने के भी निर्देश दिए गए।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों की व्यस्तता को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट किया कि विभिन्न विभागों द्वारा अलग-अलग समय पर की जाने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। इसके समाधान के लिए अब हर शुक्रवार शाम जिलाधिकारियों के साथ एकीकृत बैठक का समय निर्धारित किया गया है। विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे अपनी बैठकों के एजेंडा पॉइंट्स पहले से ही जिलाधिकारियों के साथ साझा करें ताकि बैठकें अधिक प्रभावी हो सकें।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अपने प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय नियुक्ति वाले कार्यक्षेत्रों—विकासखंड, तहसील और जिला मुख्यालय—को गोद लें और इनके विकास के लिए सक्रिय रूप से कार्य करें। इसके साथ ही सभी अधिकारियों को केंद्र और राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं की नियमित समीक्षा करने के भी निर्देश दिए गए।
बैठक में प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, श्री आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री नितेश कुमार झा, श्रीमती राधिका झा, श्री सचिन कुर्वे, श्री दिलीप जावलकर, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, श्री चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. नीरज खैरवाल, श्री विनय शंकर पाण्डेय, श्री दीपेन्द्र कुमार चौधरी, डॉ. सुरेन्द्र नारायण पाण्डेय, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री रणवीर सिंह चौहान, श्री धीराज सिंह गर्ब्याल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस बैठक से यह स्पष्ट संकेत मिला कि उत्तराखंड सरकार प्रशासनिक दक्षता, पारदर्शिता और ई-गवर्नेंस की दिशा में लगातार ठोस कदम उठा रही है, जिससे न केवल सरकारी कार्यों में तेजी आएगी बल्कि आम जनता को भी योजनाओं का लाभ सुलभ रूप से मिलेगा।