Uttarakhand: उत्तराखण्ड में विकास की नई राह, कैबिनेट के ऐतिहासिक निर्णयों से स्थानीय रोजगार, उद्योग और योग को मिलेगी मजबूती

Uttarakhand: उत्तराखण्ड में विकास की नई राह, कैबिनेट के ऐतिहासिक निर्णयों से स्थानीय रोजगार, उद्योग और योग को मिलेगी मजबूती
उत्तराखण्ड सरकार ने राज्यहित से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर एक के बाद एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए विकास की नई इबारत लिखी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट बैठक के बाद जानकारी देते हुए कहा कि ये निर्णय राज्य की जनता के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने, स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने, युवाओं को रोजगार देने और प्रदेश की आर्थिकी को मजबूत करने के उद्देश्य से लिए गए हैं।
सबसे बड़ा निर्णय उत्तराखण्ड अधिप्राप्ति नियमावली में संशोधन को लेकर लिया गया है, जिसके तहत अब राज्य में 10 करोड़ रुपये तक के कार्य स्थानीय व्यक्तियों या स्थानीय पंजीकृत फर्मों के माध्यम से कराए जाएंगे। यह निर्णय स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाएगा, साथ ही स्थानीय प्रतिभा और संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करेगा। मुख्यमंत्री ने इसे आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
कैबिनेट ने स्वयं सहायता समूहों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) को बढ़ावा देने के लिए भी महत्वपूर्ण नीति को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत अब इन समूहों को सरकारी विभागों की निविदा प्रक्रिया में न्यूनतम दर से 10 प्रतिशत तक क्रय वरीयता प्रदान की जाएगी। पहले स्वयं सहायता समूहों को केवल 5 लाख रुपये तक की लागत के कार्य ही दिए जा सकते थे, लेकिन अब इस नीति से उन्हें अधिक अवसर प्राप्त होंगे। यह न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा बल्कि स्थानीय उत्पादों के बाजार को भी सशक्त करेगा।
राज्य में उद्योगों को बढ़ावा देने और बड़े पैमाने पर निवेश आकर्षित करने के लिए उत्तराखण्ड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इन्वेस्टमेंट पॉलिसी-2025 को भी मंजूरी दे दी गई है। यह नीति उत्तराखण्ड को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूंजी निवेश के लिए एक प्रतिस्पर्धी गंतव्य के रूप में स्थापित करेगी। इसके अंतर्गत बड़े पैमाने पर विनिर्माण इकाइयों की स्थापना को प्रोत्साहन मिलेगा और इससे अतिरिक्त रोजगार के अवसरों का भी सृजन होगा।
इसके साथ ही राज्य कैबिनेट ने योग नीति 2025 को स्वीकृति देते हुए उत्तराखण्ड को योग और वेलनेस का वैश्विक केंद्र बनाने का संकल्प लिया है। इस नीति के अंतर्गत राज्य में लगभग 13,000 से अधिक रोजगार सृजित होने की संभावना है। 2,500 योग शिक्षकों को योगा सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा, जबकि 10,000 से अधिक योग प्रशिक्षकों को होमस्टे, होटल एवं वेलनेस केंद्रों में रोजगार मिलेगा। इससे योग पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जनता में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और योग शिक्षा को नया आयाम मिलेगा।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार जल संरक्षण, वृक्षारोपण, और ‘एक पेड़ मां के नाम’ जैसे अभियानों के माध्यम से पर्यावरण सुरक्षा को लेकर भी गंभीर है। साथ ही स्थानीय उत्पादों के उत्पादन, विपणन और गुणवत्ता परीक्षण के लिए भी प्रभावी नीतियां बनाई जा रही हैं, जिससे इन उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पहचान दिलाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार राज्य के समग्र विकास के लिए कृतसंकल्प है। स्थानीय स्तर पर रोजगार, महिला सशक्तिकरण, उद्योग, योग, पर्यटन और पारंपरिक उत्पादों को बढ़ावा देने की दिशा में यह कैबिनेट बैठक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड योग नीति 2025 को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, जो प्रदेश को वैश्विक पटल पर एक नई पहचान दिलाएगा और युवाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा।