Uttarakhand: नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 को भव्य बनाने की तैयारी में जुटी उत्तराखंड सरकार: मुख्यमंत्री धामी ने दिए सख्त निर्देश

Uttarakhand: नंदा देवी राजजात यात्रा 2026 को भव्य बनाने की तैयारी में जुटी उत्तराखंड सरकार: मुख्यमंत्री धामी ने दिए सख्त निर्देश
उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था की प्रतीक नंदा देवी राजजात यात्रा को लेकर तैयारियों का बिगुल बज चुका है। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस ऐतिहासिक यात्रा के आयोजन को लेकर सोमवार को एक वर्चुअल बैठक की अध्यक्षता की और सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वर्ष 2026 में प्रस्तावित यात्रा के लिए व्यापक और सुनियोजित तैयारियों में तेजी लाई जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नंदा देवी राजजात यात्रा उत्तराखंड की गौरवशाली विरासत का हिस्सा है और इस आयोजन को भव्यता, समन्वय और सुरक्षा के साथ सम्पन्न किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि यात्रा की रूपरेखा, निगरानी और क्रियान्वयन के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाए, जो सभी विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर समयबद्ध तरीके से कार्य सुनिश्चित कर सके।
बैठक में मुख्यमंत्री ने पिछली यात्राओं के अनुभवों से सीख लेकर इस बार व्यवस्थाओं को और भी बेहतर बनाने की बात कही। उन्होंने जोर देकर कहा कि यात्रा मार्गों की मरम्मत, स्वच्छता, पैदल यात्रियों की सुविधा, विश्राम स्थलों पर रहने, खाने और नहाने की व्यवस्था, और शौचालयों की स्थापना पर प्राथमिकता से कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री धामी ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोपरि बताते हुए कहा कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में संभावित चुनौतियों से निपटने के लिए डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम, टेली-कम्युनिकेशन नेटवर्क, और हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर एम्बुलेंस, मेडिकल कैंप और चिकित्सकों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। बरसात के मौसम में यात्रा होने के कारण संक्रामक रोगों से बचाव के लिए भी तैयारी आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने वन क्षेत्रों से होकर गुजरने वाली यात्रा की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए वन और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी बल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों पर टेंटों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए ताकि किसी भी परिस्थिति में श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। उन्होंने उत्तराखंड की समृद्ध लोक परंपरा के संरक्षण की दिशा में नंदा राजजात यात्रा से जुड़े लोक गीतों और कथाओं के अभिलेखीकरण का सुझाव भी दिया।
पर्यटन विभाग को यात्रा स्थलों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों, यात्रा समिति और स्थानीय हितधारकों से सुझाव लेकर कार्यों को अंतिम रूप दिया जाए।
भीड़ नियंत्रण, यातायात संचालन और पर्याप्त पार्किंग स्थल चिन्हित करने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए कि हर माह यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की जाए, जबकि गढ़वाल और कुमाऊं मंडलों के आयुक्तों को साप्ताहिक समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन क्षेत्रों से डोलियां यात्रा में शामिल होती हैं, वहां सड़क, पेयजल और अन्य आधारभूत सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर दुरुस्त किया जाए। उन्होंने बताया कि सरकार वर्ष 2027 में प्रस्तावित हरिद्वार कुंभ की तैयारियों पर भी एक साथ कार्य कर रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इन दोनों आयोजनों को भव्य और दिव्य रूप देने की दिशा में उत्तराखंड सरकार प्रतिबद्ध है।
इस उच्च स्तरीय बैठक में राज्यसभा सांसद महेन्द्र भट्ट, विधायक बंशीधर भगत, अनिल नौटियाल, भूपाल राम टम्टा, सुरेश गड़िया, पार्वती दास, डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, डीजीपी दीपम सेठ, सचिव शैलेश बगौली, सचिव सचिन कुर्वे, गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप, स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा और संबंधित जिलाधिकारी भी उपस्थित रहे।