Uttarakhand CM Action: मुख्यमंत्री धामी का बड़ा एक्शन: भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और धर्मांतरण पर जीरो टॉलरेंस नीति

Uttarakhand CM Action: मुख्यमंत्री धामी का बड़ा एक्शन: भ्रष्टाचार, अतिक्रमण और धर्मांतरण पर जीरो टॉलरेंस नीति
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर प्रशासनिक सख्ती और पारदर्शिता की मिसाल पेश करते हुए भ्रष्टाचार, अवैध अतिक्रमण और धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अधिकारियों को स्पष्ट और कड़े निर्देश दिए हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री धामी ने प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विभिन्न प्रशासनिक और सुरक्षा मामलों पर मंथन किया और कई गंभीर निर्देश जारी किए।
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों से कहा कि राज्य में पारदर्शी प्रशासन की स्थापना के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर अभियान चलाया जाए। उन्होंने टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश देते हुए कहा कि हर नागरिक को यह जानकारी होनी चाहिए कि वह भ्रष्टाचार की शिकायत कहां और कैसे दर्ज करा सकता है। इस नंबर के जरिए जनता भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें सीधे सरकार तक पहुंचा सकती है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि धर्मांतरण से संबंधित मामलों पर गहरी नजर रखी जाए और अब तक की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में सत्यापन अभियान लगातार जारी रहना चाहिए और यदि किसी संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की जानकारी मिले तो तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई की जाए। यह राज्य की सामाजिक और सांस्कृतिक सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आधार कार्ड और अन्य सरकारी दस्तावेजों के निर्माण के समय पूरी तरह से सही और पारदर्शी सत्यापन किया जाए। उन्होंने कहा कि दस्तावेजों में गड़बड़ी या फर्जीवाड़ा करने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ केवल पात्र लोगों को ही मिले और किसी प्रकार की धोखाधड़ी की संभावना न रहे।
अवैध अतिक्रमण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री धामी ने दो टूक शब्दों में अधिकारियों को चेतावनी दी कि राज्य की सरकारी भूमि से अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई बिना किसी रुकावट के जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि जो भूमि पहले ही अतिक्रमण से मुक्त कराई जा चुकी है, उस पर दोबारा अतिक्रमण न हो, इसकी निरंतर निगरानी की जाए। साथ ही शत्रु संपत्तियों पर हुए अतिक्रमण का भी पूर्ण आंकलन किया जाए और संबंधित रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए ताकि उचित निर्णय लिए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सरकारी भवनों के निर्माण कार्यों में स्थानीय श्रमिकों को प्राथमिकता दी जाए। इससे एक ओर स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और दूसरी ओर क्षेत्रीय विकास भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने यह भी कहा कि भवनों के निर्माण में उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान और पारंपरिक पर्वतीय वास्तुशैली को प्रमुखता दी जाए। इससे न केवल स्थानीय संस्कृति का संरक्षण होगा, बल्कि निर्माण कार्यों में राज्य की पहचान भी झलकेगी।
मुख्यमंत्री धामी ने बॉर्डर क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती इलाकों में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखी जाए और समय-समय पर सघन चेकिंग अभियान चलाया जाए, ताकि राज्य की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित रहें।
बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, अपर पुलिस महानिदेशक वी. मुरुगेशन, सचिव विनोद कुमार सुमन, एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों को मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है।
मुख्यमंत्री धामी की इस बैठक को राज्य में प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे स्पष्ट है कि उत्तराखंड सरकार अब किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या सामाजिक असंतुलन को बर्दाश्त नहीं करेगी और “जीरो टॉलरेंस” की नीति पर कठोरता से अमल करेगी।