द्वितीय केदार मदमहेश्वर भगवान के कपाट शीतकाल के लिए बंद
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द्वितीय केदार मदमहेश्वर भगवान के मंदिर के कपाट शीतकाल के लिए आज सुबह 8 बजे विधि-विधान से बंद हो गये हैं. सुबह चार बजे मंदिर खुलने के बाद श्रद्धालुओं ने भगवान मदमहेश्वर के निर्वाण दर्शन किए. इसके पश्चात पुजारी शिव शंकर लिंग ने भगवान मदमहेश्वर की समाधि पूजा शुरू की गई तथा भगवान को भस्म, भृंगराज फूल, बाघांबर से ढक दिया. इस तरह भगवान मदमहेश्वर को समाधि रूप दिया गया. इसके साथ ही भगवान मदमहेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गये.
इस अवसर पर मंदिर प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्पवान, डोली प्रभारी मनीष तिवारी, मृत्युंजय हीरेमठ, सूरज नेगी, प्रकाश शुक्ला, दिनेश पंवार, बृजमोहन सहित रांसी, गौंडार के हक हकूकधारी तथा वन विभाग सहित प्रशासन के प्रतिनिधि मौजूद रहे. वहीं बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार सहित मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने मदमहेश्वर धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं प्रेषित की. कपाट बंद होने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह डोली को मंदिर परिसर में लाया गया. इस दौरान भगवान मदमहेश्वर ने अपने भंडार, बर्तनों का निरीक्षण भी किया.