UP Government: सौर ऊर्जा के ज़रिए महिला सशक्तीकरण की ओर बड़ा कदम: उत्तर प्रदेश में 10,000 पर्यावरण सखियों को प्रशिक्षित करेगी योगी सरकार

UP Government: सौर ऊर्जा के ज़रिए महिला सशक्तीकरण की ओर बड़ा कदम: उत्तर प्रदेश में 10,000 पर्यावरण सखियों को प्रशिक्षित करेगी योगी सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास और महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत करने जा रही है। इस बार फोकस है सौर ऊर्जा पर, और उसके ज़रिए ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत एक नई पहल की जा रही है, जिसके तहत प्रदेश भर में 10,000 पर्यावरण सखियों को प्रशिक्षित कर रोजगार से जोड़ा जाएगा। यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से मज़बूती और सामाजिक पहचान भी दिलाएगी।
इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में हरित ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना और महिलाओं को तकनीकी ज्ञान से लैस कर उन्हें नए अवसरों से जोड़ना है। मुख्यमंत्री योगी की सोच है कि महिलाओं को केवल लाभार्थी न बनाया जाए, बल्कि उन्हें योजनाओं की संचालक की भूमिका में लाया जाए। इसी दृष्टिकोण से पर्यावरण सखियों को सौर ऊर्जा से जुड़े उत्पादों और तकनीकों में प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि वे न केवल स्वयं उद्यमिता करें बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर सकें।
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत ‘प्रेरणा ओजस प्राइवेट लिमिटेड’ नामक कंपनी को इस योजना का कार्यान्वयन सौंपा गया है। यह कंपनी सौर उत्पाद निर्माण, विकेंद्रीकृत सौर समाधानों और क्लीन कुकिंग जैसे क्षेत्रों में काम कर रही है। बीते वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा चुके हैं। राजधानी लखनऊ में एक सौर उत्पाद निर्माण इकाई की स्थापना की गई है, और 20 जिलों के 207 विकास खंडों में 414 सौर शॉप्स खोली गई हैं, जिनसे महिलाओं को सीधे लाभ मिला है। साथ ही 80 सौर फूड प्रोसेसिंग मशीन, ड्रायर और डीफ्रीजर भी स्थापित किए गए हैं, और 60 महिलाओं को ‘सूर्य सखी’ के रूप में प्रशिक्षित किया गया है।
अब योगी सरकार इस योजना का विस्तार कर रही है। आने वाले तीन वर्षों में प्रदेश के हर मंडल में एक सौर उत्पाद निर्माण इकाई स्थापित की जाएगी, जिससे 540 महिलाओं को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इन इकाइयों में सौर पैनल, बैटरी और अन्य उत्पाद बनाए जाएंगे, जो न केवल प्रदेश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेंगे, बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी मजबूती देंगे।
इसके अलावा सरकार प्रदेश के 826 विकास खंडों में 3,304 सौर शॉप्स स्थापित करने जा रही है। इन शॉप्स में सौर लालटेन, चार्जर, और घरेलू उपकरणों की बिक्री और मरम्मत की सुविधा होगी, जिससे ग्रामीण इलाकों में सौर उत्पादों की पहुंच बढ़ेगी और 3,304 महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी।
सबसे महत्वपूर्ण योजना के तहत 57,702 ग्राम पंचायतों में 57,702 ‘सूर्य सखियों’ की नियुक्ति की जाएगी। ये सूर्य सखियां गांवों में सौर ऊर्जा उत्पादों की जानकारी, उपयोग और रखरखाव में लोगों की मदद करेंगी। उनका कार्य केवल तकनीकी सहयोग तक सीमित नहीं होगा, बल्कि वे ग्रामीण समाज में ऊर्जा परिवर्तन की अगुवा बनेंगी।
साथ ही, अगले तीन वर्षों में 10,000 पर्यावरण सखियों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा। ये सखियां सौर चूल्हे और बायो-गैस सिस्टम जैसे क्लीन कुकिंग समाधानों को ग्रामीण परिवारों में बढ़ावा देंगी। इससे रसोईघर धुएं से मुक्त होंगे, महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य बेहतर होगा, और घरेलू प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आएगी।
योगी सरकार की यह बहुआयामी योजना न केवल हरित ऊर्जा को बढ़ावा देगी, बल्कि राज्य की एक लाख से अधिक महिलाओं को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से रोजगार और उद्यमिता से जोड़ने में सफल होगी। यह पहल उत्तर प्रदेश को हरित विकास और महिला सशक्तीकरण का राष्ट्रीय मॉडल बनाने की ओर एक ठोस कदम है, जो आने वाले वर्षों में न केवल राज्य की तस्वीर बदलेगी, बल्कि देश भर के लिए एक प्रेरणास्रोत भी बनेगी।