Uttar Pradesh: योगी आदित्यनाथ ने सद्गुरु रविदास को बताया भारत की सांस्कृतिक चेतना के मार्गदर्शक

Uttar Pradesh: योगी आदित्यनाथ ने सद्गुरु रविदास को बताया भारत की सांस्कृतिक चेतना के मार्गदर्शक
मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुजफ्फरनगर में आयोजित एक जनसभा में देश की सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक चेतना को लेकर गहन विचार रखे। अपने संबोधन में उन्होंने संत परंपरा के महान प्रवर्तक सद्गुरु रविदास महाराज को स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन और विचार भारत की आध्यात्मिक चेतना के स्तंभ रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “जब विदेशी आक्रांताओं द्वारा भारत के धर्म और संस्कृति को रौंदा जा रहा था, तब ऐसे विकट कालखंड में सद्गुरु रविदास महाराज का प्राकट्य हुआ। उन्होंने समाज को न सिर्फ जागरूक किया, बल्कि सामाजिक कुरीतियों, जात-पात, भेदभाव और आडंबरों के खिलाफ आवाज भी उठाई।”
मुख्यमंत्री ने संत रविदास द्वारा दिए गए प्रसिद्ध वाक्य **‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’** को उद्धृत करते हुए कहा कि यह पंक्ति जीवन में आंतरिक पवित्रता और साधना की गहराई को दर्शाती है। उन्होंने बताया कि संत रविदास ने उस समय के समाज में फैली हुई बुराइयों को खत्म करने के लिए आध्यात्मिक मार्ग को चुना और समरसता का संदेश दिया।
योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि संत रविदास न केवल एक संत थे, बल्कि सामाजिक क्रांति के अग्रदूत भी थे। उन्होंने जीवनभर मानवता की सेवा, समानता और भक्ति मार्ग के माध्यम से लोगों को जोड़ने का कार्य किया। मुख्यमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि वे संत रविदास के जीवन और उनके आदर्शों को आत्मसात करें और समाज में समरसता व सद्भाव की भावना को सशक्त बनाएं।
इस जनसभा में भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही और मुख्यमंत्री के उद्बोधन को समाज के विभिन्न वर्गों से सराहना मिली।