देवभूमि में योग का विश्व मंच: गैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर विदेशी राजनयिकों का भव्य स्वागत

देवभूमि में योग का विश्व मंच: गैरसैंण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर विदेशी राजनयिकों का भव्य स्वागत
गैरसैंण, उत्तराखण्ड: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने आज भराड़ीसैंण, गैरसैंण में आयोजित भव्य कार्यक्रम में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर भाग लिया और विदेशी राजनयिकों तथा सुप्रसिद्ध योगाचार्यों का पारंपरिक अंदाज में स्वागत किया। उन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों को उत्तराखण्ड की विशेष पहचान वाली टोपी और प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक माहौल में योग और आयुर्वेद की भारतीय विरासत का वैश्विक संदेश दिया गया।
कार्यक्रम में मेक्सिको, फिजी, नेपाल, सूरीनाम, मंगोलिया, लातविया, श्रीलंका और रूस जैसे देशों के राजदूत और उच्चाधिकारी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने मंच से घोषणा की कि उत्तराखण्ड, जो देवभूमि के नाम से जाना जाता है, योग और आयुष की वैश्विक राजधानी के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का प्राकृतिक और आध्यात्मिक वातावरण, हिमालयी शुद्धता, और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत इसे वेलनेस टूरिज्म और आयुर्वेद के लिए आदर्श स्थल बनाता है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि उन्हीं की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 2014 में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता दी थी, और आज 177 से अधिक देश इस दिवस को मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा बाबा केदारनाथ की भूमि से उत्तराखण्ड को ‘इस दशक का प्रदेश’ घोषित किया जाना हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।
श्री धामी ने उत्तराखण्ड को वैश्विक वेलनेस डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने के लिए की जा रही पहलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य में औषधीय पौधों की प्रचुरता, हिमालयी जड़ी-बूटियों की गुणवत्ता, प्रशिक्षित आयुर्वेदिक मानव संसाधन और सदियों पुरानी आयुर्वेदिक संस्थाएं जैसे ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेद महाविद्यालय, इसे आयुष उद्योग का प्रमुख केंद्र बना सकते हैं।
उन्होंने बताया कि उत्तराखण्ड के पारंपरिक सुपर फूड्स—मंडुवा, झंगोरा, भट्ट, बिच्छुघास, किलमोडा आदि—का वैज्ञानिक तरीके से मूल्यवर्धन कर इन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में पहुंचाया जा सकता है। साथ ही जीवनशैली जनित बीमारियों, रोग निवारण और वैश्विक स्वास्थ्य अनुसंधान में सहयोग की भी अपार संभावनाएं हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उत्तराखण्ड सरकार जड़ी-बूटी आधारित उद्योग, पंचकर्म केंद्रों और वेलनेस रिसॉर्ट्स को बढ़ावा दे रही है ताकि राज्य के युवाओं को रोजगार मिले और स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान मिल सके। उन्होंने सभी उपस्थित विदेशी मेहमानों से भारत की प्राचीन चिकित्सा परंपरा के साथ सहयोग और नवाचार के लिए आगे आने का आग्रह किया।
इस अवसर पर योगगुरु पद्मश्री स्वामी भारत भूषण, विधायक अनिल नौटियाल, सचिव दीपेन्द्र कुमार चौधरी, गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ. विनय रुहेला, सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी, चमोली जिलाधिकारी संदीप तिवारी और पुलिस अधीक्षक सर्वेश पंवार सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
गैरसैंण की शांत पर्वतीय वादियों में आयोजित इस ऐतिहासिक आयोजन ने उत्तराखण्ड की योग परंपरा को विश्व मंच पर पुनः स्थापित किया और आने वाले समय में इसे अंतरराष्ट्रीय वेलनेस पर्यटन की राजधानी के रूप में उभरने का मार्ग प्रशस्त किया।