UP: गांव की महिलाएं बन रही हैं गन्ना उत्पादन की अग्रदूत, यूपी में 3000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों से बदली खेती की तस्वीर

UP: गांव की महिलाएं बन रही हैं गन्ना उत्पादन की अग्रदूत, यूपी में 3000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों से बदली खेती की तस्वीर
लखनऊ, 24 जून : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार ने जो कार्ययोजना तैयार की है, वह अब जमीन पर गहराई से रंग लाने लगी है। खेती-किसानी में जहां पहले पुरुषों का ही वर्चस्व दिखता था, वहीं अब महिलाएं भी तकनीकी कृषि के क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है प्रदेश के 3000 से अधिक सक्रिय स्वयं सहायता समूहों (SHG) की महिलाएं, जो अब गन्ना बीज उत्पादन जैसे तकनीकी और वैज्ञानिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर किसान
एक समय था जब गांव की महिलाएं केवल घर तक सीमित थीं, लेकिन अब ये महिलाएं खेतों में बदलाव की कहानी लिख रही हैं। प्रदेश सरकार की इस योजना ने उन्हें न केवल आय का एक स्थायी स्रोत प्रदान किया है, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी नई उम्मीद दी है। 2024-25 में इन महिलाओं के जरिए चार करोड़ से अधिक सिंगल बड गन्ना बीज वितरित किए जा चुके हैं। इन बीजों का वितरण व्यापक स्तर पर गन्ना किसानों को किया गया है, जिससे गन्ने की उपज और गुणवत्ता में स्पष्ट रूप से इजाफा देखने को मिल रहा है।
सामूहिक प्रयास से हो रहा बीज संवर्धन
इन स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं सामूहिक रूप से “त्वरित बीज संवर्धन” अभियान में भाग ले रही हैं। इसके तहत महिलाओं को वैज्ञानिक तकनीकों, बीज संरक्षण, मिट्टी प्रबंधन, रोग नियंत्रण, और गुणवत्ता परीक्षण का विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण उन्हें सिर्फ कुशल किसान नहीं, बल्कि तकनीकी दक्ष कृषि-प्रोफेशनल के रूप में विकसित कर रहा है। यह पहल अब गांव की खेती में क्रांतिकारी परिवर्तन का वाहक बन चुकी है।
हाईटेक सीड किट से बदल रहा है परंपरागत कृषि मॉडल
राज्य सरकार ने किसानों के लिए खेती को तकनीक से जोड़ने का भी मजबूत प्रयास किया है। अब किसान ऑनलाइन बुकिंग के जरिए गन्ने की उन्नत किस्मों वाले बीजों की किट (सीड किट) प्राप्त कर सकते हैं। इससे पारदर्शिता बनी रहती है, साथ ही किसानों को समय से और गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध हो पाते हैं। इससे खेती में लागत घट रही है और उत्पादन क्षमता बढ़ रही है।
रोग प्रतिरोधक और उच्च गुणवत्ता वाली गन्ना किस्मों पर जोर
योगी सरकार का लक्ष्य केवल बीज वितरण तक सीमित नहीं है। कृषि वैज्ञानिकों की मदद से ऐसी उन्नत गन्ना किस्मों का विकास किया जा रहा है, जो न केवल अधिक उपज देती हैं, बल्कि रोगों और जलवायु बदलावों के प्रति भी प्रतिरोधक क्षमता रखती हैं। इससे किसानों की आमदनी बढ़ रही है और कृषि जोखिम घट रहा है।
कृषि में महिलाओं की नई पहचान
यह बदलाव केवल खेती की तस्वीर नहीं बदल रहा, बल्कि ग्रामीण महिलाओं की सामाजिक हैसियत भी मजबूत कर रहा है। पहले जिन महिलाओं को केवल सहायक भूमिका में देखा जाता था, वे अब खुद बीज उत्पादक, प्रशिक्षक और उद्यमी बन रही हैं। यह पूरी योजना नारी सशक्तिकरण का एक जीवंत मॉडल बन चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह रणनीति ‘आत्मनिर्भर किसान’ और ‘आत्मनिर्भर नारी शक्ति’ की सोच को धरातल पर लाने का मजबूत माध्यम बन चुकी है। यह पहल न केवल गन्ना किसानों के लिए उम्मीद की किरण है, बल्कि महिला नेतृत्व की शक्ति को भी सशक्त और मान्यता दिलाने वाला एक ऐतिहासिक कदम है।