Uttarkashi Disaster Relief: केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने उत्तरकाशी आपदा और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर किया विस्तृत बयान

Uttarkashi Disaster Relief: केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास अठावले ने उत्तरकाशी आपदा और सामाजिक कल्याण योजनाओं पर किया विस्तृत बयान
केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने देहरादून स्थित बीजापुर गेस्ट हाउस में आज प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा पर केंद्र सरकार की सक्रिय भूमिका और सामाजिक कल्याण योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार स्थिति पर कड़ी निगरानी रखे हुए है और प्राकृतिक आपदाओं को मानव नियंत्रण से बाहर मानते हुए प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने और स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।
मंत्री अठावले ने दलित समुदाय में न्याय की जागरूकता बढ़ने की बात करते हुए कहा कि अब वे पुलिस की मदद लेने में संकोच नहीं करते। उन्होंने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर के योगदान को याद करते हुए 1989 के अत्याचार अधिनियम का उल्लेख किया, जिसने पुलिस को गैर-जमानती मामलों में अधिक अधिकार देकर ऐसे अपराधों में कमी लाने में मदद की है।
उन्होंने नशा मुक्ति अभियान का भी परिचय दिया, जो देश के प्रत्येक जिले में लागू किया जा रहा है। अब तक 1,700 से अधिक नशा मुक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिन पर लगभग तीन सौ पैंतालीस करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और जो अस्पतालों तथा डॉक्टरों के सहयोग से संचालित हो रहे हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए वृद्धाश्रम योजना की भी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत हर जिले में वृद्धाश्रम स्थापित करने के लिए प्रति आश्रम लगभग सोलह हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। देश भर में अब तक 1,650 से अधिक वृद्धाश्रम बनाए जा चुके हैं, जिन पर लगभग तीन सौ इक्यावन करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत लगभग पंद्रह हजार रुपये की सहायता प्रदान की जाती है, जिसमें साठ प्रतिशत धन केंद्र सरकार और चालीस प्रतिशत राज्य सरकार देती है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग उन्नीस प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति लगभग चार प्रतिशत और ओबीसी लगभग चौदह प्रतिशत है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत घर बनाने के लिए लगभग एक लाख असी से दो लाख इकसठ हजार रुपये तक अनुदान दिया जाता है।
रामदास अठावले ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है और अगले पंद्रह वर्षों में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य है। 2047 तक भारत विश्व की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होना चाहता है, जिसमें मेक इन इंडिया योजना के माध्यम से विदेशी निवेश और विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि प्रमुख भूमिका निभा रही है।