Uttarkashi Disaster: उत्तरकाशी धराली आपदा, तिरुपति दौरा छोड़कर मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं संभाली राहत कार्यों की कमान

Uttarkashi Disaster: उत्तरकाशी धराली आपदा, तिरुपति दौरा छोड़कर मुख्यमंत्री धामी ने स्वयं संभाली राहत कार्यों की कमान
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली गांव में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए आंध्र प्रदेश के तिरुपति दौरे को तत्काल बीच में छोड़ दिया और सीधे देहरादून लौटकर राज्य आपदा कंट्रोल रूम पहुंच गए। उन्होंने वहां से राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आपदा प्रबंधन की रणनीति पर विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि वे खुद लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और आपदा प्रभावित क्षेत्र में राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने भी इस आपदा पर चिंता जताई है और केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी संबंधित एजेंसियां — सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्वयंसेवी संगठन — क्षेत्र में पूरी तत्परता के साथ राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि आपदा से पूरा प्रदेश व्यथित है, लेकिन इस कठिन समय में सबको मिलकर हौंसला बनाए रखना होगा। लापता लोगों की तलाश तेज कर दी गई है और राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि सभी प्रभावितों तक समय पर मदद पहुंचे। उन्होंने भगवान भोलेनाथ से संकट को टालने की प्रार्थना की।
आपदा के तुरंत बाद राज्य सरकार पूरी तरह से सक्रिय हो गई। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने भी त्वरित कदम उठाते हुए विशेष मेडिकल टीम धराली क्षेत्र के लिए रवाना कर दी है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम, जिसमें सर्जन, निश्चेतक, फिजीशियन और ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ शामिल हैं, को तत्काल मौके पर भेजा गया है। इस टीम का संचालन गढ़वाल मंडल के निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण द्वारा किया जा रहा है, जिन्हें इस आपदा के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किया गया है।
सभी प्रमुख चिकित्सालयों को निर्देश दिए गए हैं कि गंभीर रूप से घायल लोगों के इलाज के लिए पर्याप्त बेड आरक्षित रखें। इसके अलावा सभी डॉक्टरों और चिकित्सा कर्मचारियों के अवकाश तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं। अस्पतालों में दवाइयों, सर्जिकल सामान और जरूरी उपकरणों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की गई है, ताकि आपदा पीड़ितों को किसी भी तरह की स्वास्थ्य सेवा में बाधा न हो।