Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी आपदा में स्वास्थ्य विभाग ने संभाला मोर्चा, मुख्यमंत्री के निर्देश पर तेजी से हो रही चिकित्सा व्यवस्था

Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी आपदा में स्वास्थ्य विभाग ने संभाला मोर्चा, मुख्यमंत्री के निर्देश पर तेजी से हो रही चिकित्सा व्यवस्था
उत्तरकाशी जनपद के धराली क्षेत्र में हाल ही में बादल फटने से उत्पन्न हुई भीषण आपदा के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मोर्चा संभाल लिया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और घायलों का प्राथमिक उपचार युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। जल्द ही अन्य मेडिकल टीमें भी ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर राहत कार्यों में शामिल हो जाएंगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि आपदा से निपटने के लिए विभाग ने त्वरित और ठोस कदम उठाए हैं। धराली क्षेत्र में न केवल चिकित्सा सहायता सक्रिय है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी विभाग पूरी तरह सतर्क है। उन्होंने कहा कि आपदा से प्रभावित लोगों को न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी संबल देने की जरूरत है, जिसे ध्यान में रखते हुए मनोचिकित्सकों की टीम धराली क्षेत्र में तैनात की गई है।
डॉ. कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रदेश का स्वास्थ्य तंत्र पूरी तत्परता से काम कर रहा है और किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने देहरादून स्थित दून मेडिकल कॉलेज और कोरोनेशन जिला अस्पताल का निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आपातकालीन सेवाओं, ICU, जनरल वार्ड, मेडिकल स्टाफ की उपस्थिति और जीवनरक्षक उपकरणों की उपलब्धता का गहन निरीक्षण किया और अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिए कि किसी भी मरीज को चिकित्सा सुविधा की कमी न हो।
देहरादून में आपदा संभावित मरीजों के इलाज हेतु बड़ी संख्या में बेड आरक्षित कर दिए गए हैं। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 150 जनरल बेड और 50 ICU बेड, कोरोनेशन अस्पताल में 80 जनरल बेड और 20 ICU बेड, वहीं एम्स ऋषिकेश में 50 जनरल और 20 ICU बेड आरक्षित किए गए हैं। इन अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल टीम, आवश्यक दवाइयां और उपकरणों की पूरी व्यवस्था की जा चुकी है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य भी एक अहम विषय है। आपदा के कारण लोग मानसिक तनाव और अवसाद की स्थिति से गुजर सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए तीन मनोचिकित्सकों की विशेष टीम धराली भेजी गई है, जो राहत शिविरों में जाकर पीड़ितों की काउंसलिंग करेगी। यह टीम स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय में काम करेगी।
प्रदेश के सभी जिलों के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) और आपदा प्रतिक्रिया टीमें हाई अलर्ट पर हैं। 108 एम्बुलेंस सेवा को भी 24×7 एक्टिव मोड में रखा गया है, ताकि जरूरत पड़ने पर किसी भी स्थान से घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सके।