Uttarakhand: उत्तराखंड की सड़कों और अवसंरचना को मिला नई रफ्तार, मुख्यमंत्री धामी की गडकरी से मुलाकात में हुए अहम फैसले

Uttarakhand: उत्तराखंड की सड़कों और अवसंरचना को मिला नई रफ्तार, मुख्यमंत्री धामी की गडकरी से मुलाकात में हुए अहम फैसले
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर राज्य की अनेक सड़क और अवसंरचना परियोजनाओं के शीघ्र स्वीकृति का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में चारधाम यात्रा के दौरान पर्यटकों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होने से राज्य की सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ा है। ऐसे में सड़कों की वहन क्षमता बढ़ाने, उनके समुचित रखरखाव और क्षेत्रीय संपर्क को मजबूत करने के साथ पर्यटन और आर्थिक प्रगति के लिए इन परियोजनाओं का शीघ्र क्रियान्वयन आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सड़क अवसंरचना निधि के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य को प्रतिवर्ष देय धनराशि ₹367.69 करोड़ की प्रतिपूर्ति शीघ्र किए जाने की मांग की, जिस पर सहमति जताई गई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि देहरादून शहर में बिंदाल और रिस्पना नदियों पर प्रस्तावित 26 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड परियोजना को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-07 के लूप के रूप में विकसित किया जाएगा। इस परियोजना की निर्माण लागत ₹6164 करोड़ आंकी गई है। भूमि अधिग्रहण और वनभूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया राज्य सरकार द्वारा पूरी की जाएगी और राज्य सरकार इस परियोजना में एसजीएसटी और रॉयल्टी की छूट देगी, जबकि शेष धनराशि केंद्र सरकार वहन करेगी।
बैठक में पंतनगर एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से प्रभावित राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-109 के संशोधित संरेखण के कारण ₹183 करोड़ के अतिरिक्त व्यय को भी केंद्र द्वारा वहन किए जाने का निर्णय लिया गया, बशर्ते राज्य सरकार इसमें एसजीएसटी की छूट दे। खटीमा में रिंग रोड का निर्माण नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के माध्यम से कराने पर भी सहमति बनी। इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-507 पर बाड़वाला से लखवाड़ बैंड तक 28 किलोमीटर और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-534 पर दुगड्डा से गुमखाल तक 18.10 किलोमीटर सड़क चौड़ीकरण परियोजनाओं को भी मंजूरी मिली। ऋषिकेश बाइपास परियोजना के पहले हिस्से के लिए वैकल्पिक संरेखण में राजाजी नेशनल पार्क की सीमा के साथ लगती वन भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया आगामी तीन माह में पूरी करने के बाद ₹1546 करोड़ की लागत वाली इस 10.88 किलोमीटर लंबी परियोजना को भी स्वीकृति दी जाएगी।
बैठक में केदारनाथ रोपवे परियोजना को लेकर भी चर्चा हुई, जिसके तहत नेशनल हाईवेज एंड लॉजिस्टिक्स मैनेजमेंट लिमिटेड द्वारा निर्माण किया जाएगा और निविदा प्रक्रिया को मुख्यमंत्री व केंद्रीय राज्य मंत्री के विचार-विमर्श के बाद शीघ्र स्वीकृति दी जाएगी। बैठक में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा, मंत्रालय के सचिव वी उमाशंकर, एनएचएआई के सदस्य विशाल चौहान, उत्तराखंड शासन के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, आर मीनाक्षी सुंदरम और सचिव पंकज कुमार पांडेय उपस्थित रहे। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री धामी को भरोसा दिलाया कि उत्तराखंड की विषम भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए सभी प्रस्तावित परियोजनाओं पर सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी और इन्हें शीघ्र स्वीकृति दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने राज्य के विकास में सहयोग के लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया।