Devbhoomi Rajat Utsav: देवभूमि रजत उत्सव में चमका उत्तराखंड का लोक-संस्कृति और महिला शक्ति का संगम, स्वयं सहायता समूहों ने की रिकॉर्ड बिक्री
Devbhoomi Rajat Utsav: देवभूमि रजत उत्सव में चमका उत्तराखंड का लोक-संस्कृति और महिला शक्ति का संगम, स्वयं सहायता समूहों ने की रिकॉर्ड बिक्री
राज्य स्थापना के 25 वर्ष पर भव्य उत्सव का आयोजन
हरिद्वार। उत्तराखंड राज्य गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हरिद्वार जनपद के रोड़ी बेलवाला क्षेत्र में आयोजित “देवभूमि रजत उत्सव” ने प्रदेश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक प्रगति की जीवंत झलक प्रस्तुत की। 29 अक्टूबर से 1 नवंबर तक चले इस भव्य आयोजन ने न केवल राज्य निर्माण में योगदान देने वाले आंदोलनकारियों और मातृशक्ति का सम्मान किया, बल्कि उत्तराखंड की लोक परंपराओं और ग्राम्य विकास की गूंज भी दूर-दूर तक पहुंचाई।

ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना का विशेष सहयोग
यह उत्सव मुख्य विकास अधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र के कुशल निर्देशन में आयोजित हुआ, जिसमें ग्रामोत्थान (रीप) परियोजना का विशेष सहयोग रहा। इस परियोजना के तहत लगाए गए 11 स्टॉलों में स्थानीय और पारंपरिक उत्पादों ने लोगों का ध्यान खींचा। इनमें पहाड़ी खाद्य पदार्थ, हस्तनिर्मित वस्त्र, मसाले, बांस से बने उत्पाद और जड़ी-बूटियों से तैयार सामग्री विशेष आकर्षण का केंद्र बने।
पारंपरिक व्यंजनों ने लुभाया लोगों का स्वाद
विशेष रूप से अभिनंदन सी.एल.एफ. द्वारा लगाए गए उत्तराखंडी पारंपरिक व्यंजन स्टॉल को बड़ी सराहना मिली, जहां आगंतुकों ने झंगोरे की खीर, भांग की चटनी, मंडुए की रोटी और गहत दाल जैसे व्यंजनों का स्वाद लिया। लोगों ने पारंपरिक स्वादों के साथ उत्तराखंड की संस्कृति और मिट्टी से जुड़ाव का अनुभव किया।
महिला समूहों ने दर्ज की 2,05,724 रुपये की बिक्री
महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाए गए स्टॉलों से कुल 2,05,724 रुपये की रिकॉर्ड बिक्री दर्ज की गई। यह उपलब्धि न केवल स्थानीय उत्पादों के प्रति जनता की बढ़ती रुचि का प्रमाण है, बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक प्रेरक कदम भी है। इन महिला समूहों ने अपने हुनर से साबित किया कि ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भरता और नवाचार की मिसाल बन रही हैं।

जिला प्रशासन ने जताया आभार
जिला प्रशासन ने इन महिला समूहों के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि “देवभूमि रजत उत्सव” ने दिखा दिया कि उत्तराखंड की प्रगति लोक संस्कृति और महिला सशक्तिकरण के संगम से ही संभव है। कार्यक्रम में जिला विकास अधिकारी वेदप्रकाश, सहायक परियोजना निदेशक नलिनीत घिल्डियाल, डीपीआरओ अतुल प्रताप सिंह, जिला परियोजना प्रबंधक संजय सक्सेना और सहायक प्रबंधक (सेल्स) अमित शर्मा सहित कई अधिकारी उपस्थित रहे।
संस्कृति और विकास का जीवंत प्रतीक बना उत्सव
यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपरा और विकास यात्रा का प्रतीक बन गया, जिसने देवभूमि की आत्मा को नई ऊर्जा प्रदान की। “देवभूमि रजत उत्सव” ने यह सिद्ध कर दिया कि जब लोक संस्कृति, परंपरा और जनसहभागिता एक मंच पर आती है, तो विकास की नई कहानी जन्म लेती है।