Uttarakhand: उत्तराखंड बनेगा भारत का सर्वश्रेष्ठ फिल्म डेस्टिनेशन: सीएम धामी का फिल्म नीति पर बड़ा ऐलान

Uttarakhand: उत्तराखंड बनेगा भारत का सर्वश्रेष्ठ फिल्म डेस्टिनेशन: सीएम धामी का फिल्म नीति पर बड़ा ऐलान
उत्तराखंड को भारत का सर्वश्रेष्ठ फिल्म डेस्टिनेशन बनाने के संकल्प को दोहराते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि राज्य सरकार इस लक्ष्य को लेकर न केवल गंभीर है, बल्कि ठोस रणनीति और दूरदृष्टि के साथ लगातार कार्य कर रही है। देहरादून स्थित सिल्वर सिटी मॉल में आयोजित गढ़वाली फीचर फिल्म “मेरी प्यारी बोई” के प्रीमियर में शामिल होकर मुख्यमंत्री ने न सिर्फ फिल्म निर्माण को प्रोत्साहित किया, बल्कि उत्तराखंड को फिल्म निर्माण के हब के रूप में विकसित करने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फिल्म निर्माण न केवल राज्य की संस्कृति और सुंदरता को वैश्विक मंच पर ले जाने का सशक्त माध्यम है, बल्कि यह प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करता है। उन्होंने कहा कि हाल ही में राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज होने वाली फिल्मों और वेब सीरीज को भी अनुदान देने का प्रावधान किया है। इसमें नेटफ्लिक्स, अमेज़न प्राइम, सोनी लिव, ज़ी और जियो सिनेमा जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म शामिल हैं, जिनकी फिल्मों और वेब सीरीज को राज्य में शूटिंग के आधार पर आर्थिक सहायता दी जाएगी।
सीएम धामी ने कहा कि नई फिल्म नीति-2024 को लागू करते हुए फिल्म निर्माण की प्रक्रिया को और भी सरल और पारदर्शी बनाया गया है। शूटिंग के लिए अब सिंगल विंडो सिस्टम के तहत त्वरित अनुमति प्रदान की जा रही है, जिससे फिल्म निर्माताओं को किसी प्रकार की प्रशासनिक अड़चन का सामना नहीं करना पड़ता। इसके साथ ही राज्य सरकार हिंदी और संविधान की आठवीं अनुसूची में सम्मिलित भाषाओं की फिल्मों को उत्तराखंड में हुए व्यय का 30 प्रतिशत या अधिकतम 3 करोड़ रुपये तक का अनुदान प्रदान कर रही है।
इतना ही नहीं, बड़े बजट वाली (50 करोड़ रुपये से अधिक) और विदेशी फिल्मों को भी इसी प्रकार की अनुदान सुविधा उपलब्ध कराई गई है। वहीं क्षेत्रीय भाषाओं में बनी फिल्मों के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिकतम 2 करोड़ रुपये तक के अनुदान की व्यवस्था की गई है। यह योजना फिल्म निर्माताओं को उत्तराखंड की ओर आकर्षित कर रही है और पर्यटन को भी नई गति दे रही है।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पर्यटन विभाग के सहयोग से राज्य के नए और अपेक्षाकृत कम प्रसिद्ध लेकिन अत्यंत सुंदर स्थलों को चिन्हित कर शूटिंग के लिए विकसित किया जा रहा है। सरकार का लक्ष्य है कि फिल्म निर्माण के माध्यम से इन स्थलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई जाए। आदि कैलाश, चकराता, माणा और अन्य पहाड़ी क्षेत्र इस दिशा में विशेष आकर्षण बनकर उभर रहे हैं।
सीएम धामी ने कहा कि राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और स्थानीय जनता का सहयोग, फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अभी तक 200 से अधिक फिल्मों की शूटिंग उत्तराखंड में हो चुकी है, और यह संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है। राज्य सरकार बॉलीवुड के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं और स्थानीय बोलियों में बनने वाली फिल्मों को भी बराबर प्रोत्साहन दे रही है।
उन्होंने इस अवसर पर “मेरी प्यारी बोई” फिल्म की पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि इस तरह की क्षेत्रीय फिल्मों के माध्यम से न केवल भाषा और संस्कृति को संरक्षण मिलता है, बल्कि नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का अवसर भी मिलता है।
कार्यक्रम में देहरादून के महापौर सौरभ थपलियाल, फिल्म के निर्माता-निर्देशक, कलाकारों और तकनीकी दल सहित बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे।
उत्तराखंड सरकार की यह फिल्म नीति, न केवल राज्य की संस्कृति और प्रकृति को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने का सशक्त प्रयास है, बल्कि यह प्रदेश को एक समृद्ध, जीवंत और रोजगारपरक फिल्म उद्योग केंद्र में बदलने की दिशा में एक ठोस और दूरदर्शी कदम भी है।